राजस्थान के कोटपूतली जिले के बहरोड़ में एक अनोखी शादी देखने को मिली. यहां भारतीय सेना के जवानों ने अपने शहीद साथी के किए वादे को निभाते हुए उनकी बेटी का कन्यादान किया. शहीद कंवरपाल सिंह चौहान की बेटी बबली कंवर की शादी में सेना के जवानों ने पिता और भाई की सभी रस्में निभाईं. शादी के दौरान फूलों की चादर से लेकर कन्यादान और विदाई तक हर परंपरा को सैनिकों ने पूरी गरिमा और सम्मान के साथ निभाया.
दरअसल, दुल्हन की शादी में आमतौर पर भाई फूलों की चादर पकड़ते हैं, लेकिन बबली की शादी में यह फर्ज सेना के जवानों ने निभाया. शादी में शामिल 39 राष्ट्रीय राइफल्स और बटालियन ग्रेनेडियर यूनिट के कुल 17 जवानों ने दुल्हन की एंट्री से लेकर विदाई तक की हर रस्म को पूरा किया.
विदाई के दौरान, जो कार्य पिता करता है वही जिम्मेदारी सेना के जवानों ने उठाई. जब दुल्हन की विदाई का समय आया, तो सेना के जवानों ने गाड़ी को धक्का देकर उसे विदा किया, जिससे शादी समारोह में मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं.
शहीद से किया वादा निभाने पहुंचे 17 सैनिक
गांव पुतिना के निवासी शहीद कंवरपाल सिंह चौहान भारतीय सेना के 39 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे और देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. शहीद होने से पहले उनके साथियों ने उनसे वादा किया था कि वे उनकी बेटी की शादी में शामिल होंगे और हर जिम्मेदारी निभाएंगे. इसी वादे को निभाने के लिए बटालियन ग्रेनेडियर यूनिट से 7 वीर सैनिक और 39 राष्ट्रीय राइफल्स के 10 जवान बबली की शादी में शामिल हुए.
गांववालों की आंखें हुईं नम
शादी के इन भावुक पलों को देखकर न सिर्फ परिजन, बल्कि पूरे गांव की आंखें नम हो गईं. शादी समारोह के दौरान मौजूद गांव के सरपंच रविंद्र चौहान ने सैनिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, इन वीर जवानों ने जो सम्मान शहीद के परिवार को दिया है वह हमेशा याद रखा जाएगा. यह पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है.