राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. यहां से बीजेपी के प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी चुनाव हार चुके हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि बीजेपी इस उपचुनाव से पहले ही टीटी को भजन लाल कैबिनेट में मंत्री बना चुकी थी. इसलिए इस चुनाव में बीजेपी का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ था. कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह कूनर ने बीजेपी के सुरेंद्र पाल टीटी को हरा दिया है.
बता दें कि पिछले महीने चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस उम्मीदवार और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कूनर के निधन के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया था. उसके बाद उपचुनाव की घोषणा हुई थी. कांग्रेस ने कूनर के बेटे रूपिंदर सिंह को इस सीट से मैदान में उतारा था. बता दें कि सुरेंद्र पाल टीटी ने आज से ठीक 10 दिन पहले 30 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ ली थी. तब सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था. उन्होंने जयपुर स्थित राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी.
मंत्री बनने के बाद सुरेंद्र पाल सिंह अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त थे. उन्होंने कहा था कि श्रीकरणपुर के मतदाता बहुत समझदार हैं, मैं चुनाव जरूर जीतूंगा. साथ ही कहा था कि पार्टी ने मेरे माध्यम से सिख समाज को सम्मानित किया है. बीजेपी सभी 36 कौमों को साथ लेकर चलती है. इसमें हमारा समाज भी है.
Karanpur By Election Result Live and Updates:
> नतीजे घोषित होने से पहले ही राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस प्रत्याशी को जीत की बधाई दे दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा था कि श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है. श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है.
> 9वें राउंड की काउंटिंग के बाद कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह 4802 वोटों से आगे चल रहे थे. उन्हें 47930 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी के सुरेंद्र पाल को 43128 वोट मिले थे.
> दोपहर 11.50 बजे करणपुर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी 3 हजार वोटों से पीछे चल रहे थे.
श्रीगंगानगर की श्रीकरणपुर सीट पर शुक्रवार को 81.38 प्रतिशत मतदान हुआ था. काउंटिंग के दिन यानी आज मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया था कि 14 टेबलों पर ईवीएम की गिनती होगी. इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित डाक मतपत्रों की गिनती के लिए एक टेबल रखी गई थी.
'कांग्रेस ने टीटी की शपथ पर जताई थी आपत्ति'
इससे पहले राज्य में कुल 199 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी 115 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 69 सीटें जीती थीं. बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो सुरेंद्र पाल सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. इस पर कांग्रेस ने आपत्ति भी जताई थी. कांग्रेस का कहना था कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है. उम्मीदवार के हार-जीत के नतीजे से पहले ही मंत्री पद की शपथ दिलाना गैर कानूनी है.
'भजन लाल ने 15 दिसंबर को शपथ ली थी'
नियमों के मुताबिक, मंत्री बनने के बाद से सुरेंद्र पाल सिंह के पास विधायक चुने जाने के लिए छह महीने का समय है. 15 दिसंबर को बीजेपी के भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नवनिर्वाचित विधायक दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.