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JEE की तैयारी कर रहे नाबालिग ने की खुदकुशी, इस साल कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या का 18वां मामला

कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे 16 वर्षीय छात्र विवेक कुमार ने हॉस्टल की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. यह इस साल कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या का 18वां मामला है. मृतक के पिता ने बच्चों के साथ गार्जियन की मौजूदगी और कम उम्र में पढ़ाई का दबाव झेलने के खतरे पर सवाल उठाए हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो.(AI-जनरेटेड इमेज)
प्रतीकात्मक फोटो.(AI-जनरेटेड इमेज)

राजस्थान के कोटा में एक नाबालिग छात्र ने खुदकुशी कर ली. मृतक की पहचान 16 साल के विवेक कुमार के तौर पर हुई है. जो जवाहर नगर स्थित हॉस्टल में रहकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहा था. उसने शुक्रवार रात हॉस्टल की छठी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू की. 

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जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के अनूपपुर के निवासी विवेक अप्रैल में ही कोटा आया था और एक कोचिंग संस्थान से पढ़ाई कर रहा था. विवेक के पिता इंद्र कुमार ने बताया कि वह पढ़ाई में अच्छा था और हमेशा सकारात्मक रहता था. शुक्रवार सुबह उनकी बेटे से आखिरी बार बात हुई थी, जिसमें उसने बताया कि वह कोचिंग नहीं जाएगा और हॉस्टल में ही पढ़ाई करेगा. इसके बाद रात को हॉस्टल से घटना की सूचना मिली.

छठी मंजिल से कूदकर छात्र ने की खुदकुशी

पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया. विवेक के पिता ने कोटा में बढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या के मामलों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि बच्चों को इतनी छोटी उम्र में अकेला नहीं भेजना चाहिए. गार्जियन की मौजूदगी से बच्चों को मानसिक और भावनात्मक सहारा मिलता है.

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पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

गौरतलब है कि कोटा में इस साल छात्रों द्वारा आत्महत्या का यह 18वां मामला है. बीते साल 29 छात्रों ने अपनी जान दी थी. कोचिंग संस्थानों, प्रशासन और पुलिस के प्रयासों के बावजूद इन घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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