सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को एक तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एकल पट्टा प्रकरण में आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक की एसएलपी को स्वीकर करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के क्लीन चिट के फैसले पर रोक लगाते हुए गहलोत सरकार के मंत्री रहे शांति धारीवाल समेत 3 अधिकारियों पर एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट को सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसीबी को अपनी जांच की आगे की कार्रवाई जारी रखने के आदेश दिए है. शांति धारीवाल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'उनका नाम तो FIR में था हीं नहीं तो फिर ये कार्रवाई क्यों हो रही है.' जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने धारीवाल के वकील से कहा, 'आपको जो कुछ कहना है आप राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सामने कहिए.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुख्य न्यायाधीश इस मामले में छह सप्ताह में अपने सुनवाई पूरी करेंगे.
क्या है एकल पट्टा प्रकरण?
जून 2011 में जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन के मालिक शैलेन्द्र गर्ग के नाम से एकल पट्टा जारी किया था, जिसके खिलाफ 2013 में एंटी करप्शन ब्यूरो में राम शरण सिंह ने शिकायत की थी कि भारी भ्रष्टाचार करके गैर कानूनी काम किया गया है. इस प्रकरण में एसीबी ने वसुंधरा सरकार के दौरान जांच में शांति धारीवाल समेत तीन अधिकारियों को दोषी माना था जिस पर एसीबी कोर्ट में कार्रवाई शुरू हुई थी मगर इस बीच वापस अशोक गहलोत की सरकार आ गई और एसीबी ने क्लीन चिट दे दी जिसे जयपुर एसीबी कोर्ट ने खारिज कर दिया था. मगर राजस्थान हाई कोर्ट ने उसे मान लिया और आरोपियों को क्लीन चिट दे दिया था. भजनलाल सरकार ने भी 1 बार अप्रैल 2024 में क्लीन चिट दे दिया था मगर हंगामा मचने के बाद एक बार फिर से यू टर्न लिया और कल सुप्रीम कोर्ट में केस जारी रखने के लिए ऐफिडेविट दिया था.