राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या करने वाले आरोपियों के तार आईएस से जुड़े होने का दावा किया गया है. ये 30 मार्च को जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की साज़िश करने वालों में शामिल थे, मगर चित्तौड़ में 12 किलो आरडीएक्स के साथ रतलाम टीम के पकड़े जाने पर यह प्लान फेल हो गया. दावत-ए-इस्लामी के ज़रिए ये आईएस के रिमोट स्लीपर संगठन अलसूफा से जुड़े थे.
रियाज़ अत्तारी उदयपुर में अलसूफा का मुखिया था. यह पांच सालों से उदयपुर के आसपास के इलाक़ों में काम कर रहे थे. मध्यप्रदेश के रतलाम के आसपास के इलाक़ों में भी इन्होंने अपना नेटवर्क बनाया था. आईएस के टोंक से गिरफ़्तार आतंकी मुजीब के साथ ये जुड़ा था. रियाज़ 11 भाई बहनों में सबसे छोटा था और दसवीं के बाद पढ़ा नहीं.
रियाज अपनी शादी के बाद उदयपुर में बस गया था, जहां वेल्डिंग का काम करता था. उसकी पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी है. पत्नी को पूछताछ के लिए एनआईए ने हिरासत में ले रखा है. दूसरा आरोपी मोहम्मद गौस के साथ यह मिलकर नफ़रत का अभियान चला रहा था. गौस 2014 में जोधपुर के रास्ते कराची गया था.
कराची में 45 दिन की ट्रेनिंग
मोहम्मद गौस के साथ कराची तीस लोग गए थे, जिन्होंने दावत-ए-इस्लामी में 45 दिनों की ट्रेनिंग ली थी. उसके बाद भारत आकर युवाओं की ब्रेनवॉश करता था. ये कानपुर, दिल्ली-मुंबई में भी बैठकों में हिस्सा लेने जाते थे. पाकिस्तान के आठ मोबाइल नंबरों से ये संपर्क में थे. ये दोनों गल्फ कंट्री और नेपाल की यात्रा कर चुके हैं.
रियाज और मोहम्मद गौस से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में दोनों ने बताया कि नुपूर शर्मा के मामले में ये उदयपुर के एक और व्यापारी की हत्या करने वाले थे. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इनके पांच और साथियों को हिरासत में लिया है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में और गिरफ़्तारी होगी.
NIA कर रही है मामले की जांच
आरोपी गौस मोहम्मद साल 2014-15 में 45 दिन कराची में ट्रेनिंग लेकर आया है. इतना ही नहीं साल 2018-19 में गौस मोहम्मद अरब देशों में गया था. पिछले साल नेपाल में भी इसकी लोकेशन सामने आई. ऐसे में आरोपी गौस मोहम्मद का कनेक्शन सीधे तौर पर पाकिस्तान से है, तो राजस्थान सरकार ने अब पूरा मामला NIA को सौंप दिया है.
शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस खौफनाक घटना को अंजाम देने वाले दोनों आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज लगातार पाकिस्तान में बैठे लोगों के संपर्क में थे और दोनों ही पाकिस्तान के 8 से 10 नंबर पर लगातार बात कर रहे थे. अब इस घटना की जांच के लिए NIA को अगर सहयोग की आवश्यकता होगी तो पुलिस की एसओजी मदद करेगी.