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उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी रियाज अख्तारी और गौस मोहम्मद को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है. सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते दोनों आरोपियों का जेल के अंदर ही मेडिकल करवाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, दोनों को अलग-अलग रखा गया है. आरोपी 13 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ATS और NIA इन आरोपियों से पूछताछ करेगी. अजमेर की घूघरा जेल में बड़े अपराधियों को रखा जाता है. कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई को भी यहां रखा गया था.
जेल अधीक्षक पारस जांगिड ने बताया कि इस जेल में 82 हार्डकोर अपराधियों को रखा गया है. सेंट्रल जेल से 14 कैदी रोज यहां खाना बनाने और अन्य कामों के लिए आते हैं. इस हाई सिक्योरिटी जेल में कैदियों को बैरक में बंद रखा जाता है. किसी भी कैदी को परिसर में घूमने तक की इजाजत नहीं होती है. बंद बैरक में इन अपराधियों को बिना लाइट के रखा जाता है. इसलिए कैदी यहां आने से डरते हैं.
घूघरा जेल में तीस कोठरियों को चार ब्लॉक में बांटा गया है. हार्डकोर अपराधियों को दो-दो के ग्रुप में अलग-अलग बैरक में रखा जाता है. खास बात यह है कि एक कोठरी का बंदी दूसरी कोठरियों के कैदियों से मेल मुलाकात तो छोड़ो बातचीत तक नहीं कर सकता है. जेल की इन कोठरियों में सुरक्षा कारणों से बिजली के प्वाइंट नहीं है. जेल परिसर में लगी फ्लड लाइट्स से ही काल कोठरियों में रोशनी पहुंचती है.
#WATCH Rajasthan | The two perpetrators of Udaipur tailor killing being brought to Ajmer High-Security Jail pic.twitter.com/py91iPZQ9h
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 30, 2022
दरअसल, कई सालों पहले बीकानेर जेल में कैदियों के दो गुटों में खूनी संघर्ष हुआ था जिसके बाद राज्य सरकार ने हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का फैसला लिया था. इस जेल का मुख्य उद्देश्य यह है कि कैदी अपने धन और बल के दम पर जेलों बंद अन्य कैदियों के साथ गैंग बनाकर अपराधिक गतिविधियों का संचालन न कर पाएं. कुख्यात कैदियों को चिह्नित करके घूघरा जेल में शिफ्ट किया जाता है, ताकि यह हार्डकोर अपराधाी अपने नेटवर्क से कट जाएं. इससे सामान्य जेलों में गुटबंदी भी खत्म होगी.
बता दें कि बीते गुरुवार को उदयपुर में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के आरोपी रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद को उदयपुर जिला सत्र न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
इस हत्या के केस को UAPA के तहत दर्ज किया गया है. वहीं, एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है. वहीं गुरुवार को बार एसोसिएशन ने एलान किया कि कोई भी इन आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा.