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Udaipur Killing: NIA की हिरासत में फरहाद, वसीम और मोहसिन, जानिए कौन हैं तीनों

उदयपुर मर्डर केस में एनआईए ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इन तीनों को एनआईए की टीम कल उदयपुर से जयपुर ले गई है. हिरासत में लिए गए लोगों के नाम- फरहाद शेख, वसीम और मोहसिन है.

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हिरासत में लिया गया फरहाद
हिरासत में लिया गया फरहाद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया
  • फरहाद शेख ने एक व्यापारी को दी थी धमकी

राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इन तीनों को एनआईए की टीम कल उदयपुर से जयपुर ले गई है. हिरासत में लिए गए लोगों के नाम- फरहाद शेख, वसीम और मोहसिन है. इन तीनों से एनआईए की टीम पूछताछ कर रही है.

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बताया जा रहा है कि फरहाद शेख ने टेलर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या करने वाले रियाज के कहने पर उदयपुर के व्यापारी को धमकी दी थी. रियाज ने फरहाद को व्यापारी को मारने का टास्क दिया था, लेकिन जब फरहाद ने व्यापारी को धमकी दी तो वो उदयपुर छोड़कर भाग गया. इस वजह से यह टास्क पूरा नही हो पाया था.

वहीं एनआईए ने वसीम को भी हिरासत में लिया है. वसीम कपड़े की दुकान पर काम करता है. वसीम जिस कपड़े की दुकान पर काम करता है, वो कन्हैया लाल की दुकान के ठीक सामने है. सूत्रों के मुताबिक, वसीम ने ग्रीन सिग्नल दिया था, जिसके बाद रियाज और गौस मोहम्मद, कन्हैया की दुकान पर पहुंचे थे और हत्या कर दी थी.

हिरासत में लिए गए मोहसिन के रोल को लेकर अभी कुछ क्लियर नहीं हो पाया है. फरहाद पर उदयपुर में क्रिमिनल केस दर्ज हैं. रियाज ने उसको उदयपुर के व्यापारी को मारने का टास्क दिया था. फिलहाल तीनों से पूछताछ की जा रही है. एनआईए टेलर कन्हैया लाल की हत्या के पीछे आतंकवाद कनेक्शन की जांच कर रही है.

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टेलर कन्हैयालाल की हत्या के मामले में आजतक ने एक और खुलासा किया है. नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले कन्हैया लाल के बेटे के मैसेज पर रियाज अचानक नहीं भड़का था. उसके मन में नफरत का शोला काफी समय़ से भड़क रहा था. आजतक की स्पेशल इंस्वेस्टिगेशन टीम ने रियाज की कुंडाली खंगाली तो कुछ सनसनीखेज खुलासे सामने आए.

कन्हैयालाल के कत्ल का आरोपी रियाज अत्तारी कुछ साल पहले तक उदयपुर की एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री में काम करता था.इस फैक्ट्री के मालिक हैं शोएब पठान. शोएब पठान ने खुलासा किया कि रियाज सोशल मीडिया में कट्टरवादी नफरती सोच का अभियान चला रहा था, वह एक व्हाट्सएप ग्रुप चलाता था, जिसमें सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दिया जाता था.

रियाज के अंदर पनप रही इस नफरती सोच का ही नतीजा था कि उसने नौ साल पहले बाइक में 26-11 नंबर वाली नंबर प्लेट लगवाई. इसके लिए उसने पांच हजार रुपये की घूस भी दी थी. इससे पहले आजतक ये खुलासा कर चुका है कि रियाज ने तीन साल पहले किस तरह बीजेपी के सास्ते सियासत में भी घुसपैठ की कोशिश की थी.

 

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