उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के मामले में NIA ने जांच शुरू कर दी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रियाज और गौस मोहम्मद को अपनी कस्टडी में ले लिया है. एनआईए दोनों मुख्य आरोपियों को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से जयपुर ले जाएगी. उधर, राजस्थान के उदयपुर, जयपुर, अलवर और दौसा में इंटरनेट आज भी बंद रहेगा. इस घटना के विरोध में सर्व हिंदू समाज ने जयपुर में 3 जुलाई को विरोध प्रदर्शन बुलाया है. आईए जानते हैं कि इस केस में अब तक क्या क्या हुआ?
28 जून को हुई हत्या
उदयपुर में मंगलवार दोपहर दो युवकों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर कन्हैयालाल की धारदार हथियार से हमला कर हत्या का दी थी. आरोपी कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान पर आए थे. इसके बाद दोनों आरोपियों ने वीडियो शेयर कर कहा था कि उन्होंने इस्लाम के अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैयालाल की हत्या की है. इतना ही नहीं आरोपियों ने पीएम मोदी को भी धमकी दी थी.
हत्या से पहले कई बार की गईं मीटिंग
बताया जा रहा है कि कन्हैया लाल की हत्या से पहले कई बार मीटिंग की गईं. इस मीटिंग में रियाज, मोहम्मद गौस, आसिफ और मोहसिन शामिल थे. रियाज ने आसिफ और मोहसिन को रेडक्लाइज करके इस वारदात में साथ देने के लिए तैयार किया था. आसिफ और मोहसिन कन्हैया लाल की हत्या की प्लानिंग से लेकर हथियार बनाने तक में शामिल रहे. कन्हैया लाल की दुकान जिस गली में थी, उस गली में पहले से रियाज और मोहम्मद गौस का आना जाना था
उदयपुर में जब विवादित बयान पर कुछ लोग समर्थन करने लगे तभी रियाज और मोहमद गौस ने तय कर लिया था की कुछ बड़ा करना है. कन्हैया आसान शिकार लगे और चूंकि पहले से रियाज और मोहम्मद गौस कन्हैया की दुकान के पास आते जाते रहते थे और उस गली से वाकिफ थे तो हत्याकांड को अंजाम दिया.
अब तक चार आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने सबसे पहले हत्या में शामिल रियाज और गौस मोहम्मद को गिरफ्तार किया था. इन्हीं दोनों ने हमले का वीडियो शेयर भी किया था. इसके बाद पुलिस ने दो और आरोपियों मोहसिन और आसिफ को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये दोनों आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद के साथ हत्या की साजिश करने में शामिल थे. चारों आरोपियों को आज जयपुर में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा.
अब तक इन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
राजस्थान सरकार ने एसपी और आईजी को हटाने के बाद चार पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. डीजीपी एमएल लाठर ने आदेश जारी कर एएसपी सिटी अशोक मीणा, सर्किल ऑफिसर ईस्ट जरनैल सिंह, सर्किल ऑफिसर वेस्ट जितेंद्र आंचलिया,सूरजपोल एसएचओ लीलाधर मालवीय को सस्पेंड कर दिया. आरोप है कि इन अधिकारियों को इसलिए सस्पेंड किया गया, क्योंकि इन्होंने कन्हैया लाल की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की.
इससे पहले उदयपुर एसपी और आईजी का ट्रांसफर कर दिया था. इतना ही नहीं प्रशासन ने लापरवाही के आरोप में ASI को भी सस्पेंड किया था. एएसआई ने ही कन्हैयालाल की शिकायत पर समझौता कराया था. दरअसल, इस मामले में पुलिस पर लगातार लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. कन्हैया लाल ने हत्या से पहले पुलिस को शिकायत पर अपनी जान को खतरा बताया था. उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं. उन्हें सुरक्षा दी जाए. हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया.
पाकिस्तान से कनेक्शन पर सस्पेंस बरकरार
राजस्थान सरकार और एटीएस दावा कर रही है कि उदयपुर हत्या का पाकिस्तान से कनेक्शन है. सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि हत्या के समय और बाद में गौस मोहम्मद पाकिस्तान में बैठे सलमान हैदर और अबू इब्राहिम के संपर्क में था. इसी ने रियाज अत्तारी का ब्रेनवॉश कर अपने साथ मिलाया था.
जबकि एनआईए ने कहा है कि वारदात को अंजाम देकर आरोपी अपनी कम्युनिटी में हीरो बनना चाह रहे थे. इसमें किसी भी तरह का आतंकी कनेक्शन नहीं है. इसलिए इस तरह से घटना को अंजाम दिया गया. अब इस मामले में एटीएस ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि कन्हैयालाल हत्याकांड में कोई आतंकी कनेक्शन नहीं है, यह कहना अभी जल्दबाजी होगा.