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उदयपुर रेलवे पुल ब्लास्ट केस, मुख्य आरोपी को पकड़ने वाली टीम होगी सम्मानित

उदयपुर रेलवे पुल ब्लास्ट केस में मुख्य आरोपी को पकड़ने वाली टीम को सम्मानित किया जाएगा. दरअसल, उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर विस्फोट की आवाज से दशहत मच गई थी. इस ट्रैक का उद्घाटन पीएम मोदी ने पिछले महीने किया था. बाद में रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट को आतंकी घटना मानते हुए UAPA के तहत पुलिस ने केस भी दर्ज कर लिया था.

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ओढ़ा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट केस
ओढ़ा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट केस

उदयपुर के जावर माइंस थाना क्षेत्र में 12 नवंबर की शाम ओडा गांव के निकट रेलवे ओवर ब्रिज पर ब्लास्ट हुआ था. घटना में शामिल मुख्य आरोपी धूल सिंह को पकड़ा गया. मुख्य भूमिका निभाने वाले पुलिस कॉन्सटेबल पुष्पेंद्र को गैलेंट्री प्रमोशन दिया जाएगा. साथ ही टीम के अन्य अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा.

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महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने बताया, "जांच के दौरान कांस्टेबल पुष्पेंद्र ने जांच अधिकारी को सूचना दी थी कि इस घटना में एकलिंग पुरा के रहने वाले धूलचंद का हाथ हो सकता है. सूचना पर धूलचंद को पकड़कर स्थानीय भाषा के जानकार कॉन्सटेबल मांगीलाल की सहायता से पूछताछ की गई. इस दौरान धूलचंद ने घटना शामिल होने की बात स्वीकार की. घटना में अभियुक्त को पकड़वाने में कॉन्सटेबल पुष्पेंद्र की भूमिका को ध्यान में रखते हुए विशेष पदोन्नति दी जाएगी." 

उदयपुर एसपी विकास शर्मा की सिफारिश के अनुसार, आरोपी से पूछताछ करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला, सीओ राजेंद्र सिंह जैन, एसएसओ जावर माइंस, अनिल विश्नोई और कॉन्सटेबल मांगी लाल की सराहनीय भूमिका रही. इस कार्य के लिए उन्हें डीजीपी डिस्क दी जाएगी.  

शेष जांच टीम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह, सीओ गिर्वा भूपेंद्र, सीओ तपेंद्र मीणा, पुलिस निरीक्षक लीलाधर मालवीय, पुलिस निरीक्षक दलपत सिंह, सुबोध जांगिड़, कमलेंद्र सिंह और अन्य अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय स्तर पर उचित इनाम दिया जाएगा. 

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दरअसल, 13 नवंबर को सीनियर स्पेशल इंजीनियर उदयपुर ने थाना जावर माइंस में रिपोर्ट दी गई. इसमें बताया गया कि 12 नवंबर की शाम करीब 7 बजे ओड़ा गांव के पास स्थित रेलवे ओवर ब्रिज को अज्ञात व्यक्तियों ने ब्लास्ट किया है. इससे ब्रिज का गर्डर टूट गया है.

जगह-जगह ब्रिज के टुकड़े, विस्फोटक सामान, फ्यूज वायर डेटोनेटर और जिलेटिन आदि के अवशेष बिखरे पड़े हैं. रेल की पटरी में भी दरार आ गई है. रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी, रेलवे अधिनियम, पीडीपीपी एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत थाना जावर माइंस में केस दर्ज किया गया था. मामले की जांच सीओ सराडा राजेंद्र जैन को सौंपी गई थी. 

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