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मंदिर में दर्शन से पहले नदी में नहाने गए मामा-भांजे, डूबने से हो गई दोनों की मौत

राजस्थान के टोंक में मंदिर में दर्शन से पहले नदी में नहाने गए मामा-भांजे की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई. एसडीआरएफ की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद चट्टानों के बीच फंसे उनके लाश को बाहर निकाला.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

राजस्थान के टोंक में एनएच 52 के पास बनास नदी में नहाने उतरे मामा और भांजे की गहरे पानी में डूबने से दर्दनाक मौत हो गयी जबकि उनके साथ ही नदी में नहा रहे उनके तीसरे साथी को सुरक्षित बचा लिया गया.

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बता दें कि मामा दिलखुश मीणा और भांजा कैलाश चार अन्य दोस्तों के साथ कोटखावदा तहसील के देलवाड़ा बांसड़ा गांव से तीन बाइकों पर सवार होकर बरवाड़ा स्थित माता के दर्शन के लिये निकले थे. 

जानकारी के अनुसार नदी में पानी देख सभी नये बनास पुल के पास रुक गए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मामा और भांजे के अलावा एक अन्य साथी नदी के बहाव में नहाने के लिये उतरे थे जिनमें से मामा दिलखुश और भांजे कैलाश गहरे पानी में चले गये और फिर वहां चट्टानों के बीच फंसने से दोनों की मौत हो गयी.

इस दौरान उनको बचाने की कोशिश में उनका तीसरा साथी भी डूबते डूबते बच गया. उसे  लोगों ने बचाया. घटना की जानकारी मिलते ही सदर थाना पुलिस, टोंक के तहसीलदार, सीओ और एएसपी मौके पर पहुंचे. एसडीआरएफ को भी मौके पर बुलाया गया.

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एसडीआरएफ के जवानों द्वारा लगातार दो घंटे तक चलाये गये सर्च ऑपरेशन के बाद दोनों शवों को गहरे पानी से ढूंढ कर बाहर निकाला गया. इस दौरान दोनों मृतकों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए. 

फिलहाल मामा और भांजे के शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है जहां कल सुबह पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे. मृतक दिलखुश कोटखावदा तहसील का जबकि कैलाश निवाई तहसील के भंवर सागर गांव का रहने वाला था.

टोंक के सदर थाना पुलिस के एसएचओ राजेंद्र खंडेलवाल ने बताया कि हमें पुलिस कंट्रोल रूम से लगभग शाम पांच बजे इस घटना की सूचना मिली थी. हमने एसडीआरएफ टीम को मौके पर बुलाया. तीन लोग पानी में नहाने के लिये उतरे थे. दो लोगों की मौत हुई है जबकि उनके एक साथी को बचा लिया गया है.


 

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