केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री इन दिनों जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. ये किसी राज्य के मुखिया की नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत की बातचीत से लग रहा है कि वो गहरे मानसिक दबाव में हैं. क्योंकि एक ओर उन्हें हमेशा कुर्सी जाने का डर सताता रहता है, दूसरा राज्य उनसे संभल नहीं रहा है. कानून-व्यवस्था समेत राज्य में सबकुछ चौपट हो गया है.
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि वर्ष 2020 में जब गहलोत साहब की कुर्सी पर संकट आया था, तब भी उन्होंने सचिन पायलट के लिए ऐसी ही भाषा का प्रयोग किया था. नकारा, निकम्मा जैसे शब्द बोले थे. पिछले दिनों जब राहुल गांधी ने सचिन पायलट की तारीफ कर दी तो गहलोत साहब को फिर कुर्सी पर संकट नजर आने लगा है. उसी दिन से वह बेचैन हैं. शेखावत ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर मुझसे मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था. जब इससे भी मन नहीं भरा, तो मेरे लिए भी उन्हीं शब्दों का प्रयोग करने लगे.
'ईआरसीपी को लेकर भी झूठ बोल रहे सीएम'
शेखावत ने कहा कि सीएम गहलोत मेरे प्रति द्वेष रखते आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर भी गहलोत रोज एक झूठ बोल रहे हैं. वह झूठ ये है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय परियोजना का वादा किया था. इस बारे में मैं पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईआरसीपी को लेकर जयपुर में सिर्फ इतना कहा था कि यह योजना मेरे पास भेजी गई है. वसुंधरा राजे ने भेजी है. बहुत सारे विधायक भी मुझसे मिले हैं. सारे पक्षों से बातचीत कर हम इस पर संवेदनशीलता से विचार करेंगे. प्रधानमंत्री ने अजमेर में भी कहा था कि इस योजना पर विचार चल रहा है. उन्होंने राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की बात नहीं कही.
'एक झूठ सौ बार बोलने से सच नहीं होगा'
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावतन ने कहा कि शायद सीएम गहलोत को उम्मीद है कि एक झूठ सौ बार बोलने से वो सच हो जाएगा, पर ऐसा होता नहीं है. क्योंकि ईआरसीपी को लेकर सीएम केवल भ्रम की राजनीति कर रहे हैं. जो पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जनता के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत नियमों पर न चलकर पूरे देश के व्यापक जल संबंधों को लेकर एक नई चुनौती खड़ा करना चाहते हैं.
सिर्फ राजनीतिक मंशाओं की पूर्ति की कोशिश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नोटिफिकेशन में भारत सरकार ने व्यापक स्तर पर ये तय किया था कि 75 प्रतिशत डिपेंडबिलिटी हो, तभी कोई नया प्रोजेक्ट कंसीव किया जा सकेगा, लेकिन सीएम गहलोत 50 प्रतिशत डिपेंडबिलिटी पर प्रोजेक्ट बनाकर भेजेंगे और फिर भारत सरकार से कहेंगे कि इसे मंजूर कर दो. मतलब साफ है कि यह 13 जिलों की जनता की प्यास बुझाने के लिए नहीं, अपनी राजनीतिक मंशाओं की पूर्ति की कोशिश मात्र है.
'इधर-उधर की बातों से नहीं बचेगी कुर्सी'
शेखावत ने कहा कि इधर-उधर की बातों में जनता को उलझाने से आपकी कुर्सी बचने वाली नहीं है. आप पहले चुनाव के समय प्रदेश की जनता से किए अपने वादे निभाएं, किसानों का कर्ज माफ करें, बेरोजगारों को भत्ता दें, तुष्टीकरण की राजनीति छोड़कर प्रदेश में अमन-चैन कायम करें. प्रदेश की कानून-व्यवस्था पटरी से उतर गई है. प्रदेश में कानून का राज कायम करें, ताकि जनता सुख-शांति से रह सके.