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धरती में धंसे ट्रक और बोरिंग मशीन को बाहर निकाला तो क्या होगा? जैसलमेर की घटना पर ONGC टीम ने कही ये बात

राजस्थान के जैसलमेर में बोरिंग के गड्ढे में धंसे ट्रक और मशीन को निकाला जाए या नहीं...? यह सवाल बेहद अहम बना हुआ है. इस मामले को लेकर तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की टीम ने हालात का जायजा लिया. टीम तकनीकी रिपोर्ट कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत को सौंपी है. टीम ने गांव के लोगों से यह भी कहा कि अगर ट्रक-मशीन को निकाला गया तो खतरा हो सकता है.

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बोरिंग के दौरान यहां धंसा था ट्रक और मशीन. (Photo: Aajtak)
बोरिंग के दौरान यहां धंसा था ट्रक और मशीन. (Photo: Aajtak)

राजस्थान में जैसलमेर (jaisalmer) के मोहनगढ़ इलाके में हुई भूगर्भीय घटना को लेकर हलचल मची हुई है. यहां ट्यूबवेल की बोरिंग के दौरान ट्रक और मशीन जमीन में समा गए थे. इसके बाद भूगर्भ से भारी प्रेशर के साथ पानी और गैस निकलने लगी. पानी की धार इतनी तेज थी कि आसपास का इलाका समंदर जैसा नजर आने लगा. घटना के बाद ONGC की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम मौके पर पहुंची और जायजा लिया.

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तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की टीम ने बोरवेल की स्थिति को देखा और आसपास का जायजा लिया. इसके बाद टीम ने गांव वालों से बात की और उन्हें बताया कि ट्रक और मशीन को बाहर निकाला तो खतरा हो सकता है. ट्रक और मशीन को बाहर निकालना काफी खर यहां फिर से प्रेशर के साथ पानी और मिट्टी निकलना शुरू हो सकता है.

यहां देखें Video

टीम ने कहा कि यह संभव है कि ट्रक और मशीन की वजह से पानी का आना बंद हुआ हो. उन्हें हटाने से फिर से पानी आ सकता है. धरती में दबे ट्रक और बोरिंग मशीन को निकाला जाए या नहीं, इस संबंध में ओएनजीसी टीम ने तकनीकी रिपोर्ट कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत को दी है.

जिस जगह पर ये भूगर्भीय घटना हुई, वहां पानी के साथ गैस के बुलबुले निकल रहे हैं. ONGC के विशेषज्ञों ने कहा है कि गड्ढे से मशीन और ट्रक निकालने में भारी खर्च तो आएगा ही, लेकिन इससे स्थिति और बिगड़ सकती है.

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यह भी पढ़ें: जैसलमेर में धरती फाड़कर निकली धार क्या सरस्वती नदी की है? वैज्ञानिकों का दावा- टेथिस सागर का तट था ये इलाका

जिस जगह पर बोरिंग के दौरान जो जलधारा निकली, उसको लेकर भूजल विशेषज्ञों का मानना है कि यह पानी 60 लाख साल पुराना हो सकता है. धरती से निकली चिकनी सफेद मिट्टी और खारे पानी को लेकर वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि यह समुद्री पानी से जुड़ा हो सकता है.

इस पूरे मामले को लेकर भूजल विभाग के मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि घटना की जांच कराई जाएगी और किसान को हुए नुकसान का आकलन कर मदद दी जाएगी. इसी के साथ इस पूरे मामले पर गहराई से स्टडी की भी तैयारी की जा रही है.

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