शास्त्र में किसी भी काम की शुरुआत से पहले शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा है. कभी-कभी कुछ ऐसे नक्षत्र बन जाते हैं कि उनमें कुछ विशेष कार्यों का करना निषेध होता है. कुछ ऐसा ही पंचक (Bhishm Panchak 2020) के दौरान होता है. ज्योतिषशास्त्र में पंचक को बहुत अशुभ माना गया है. इस दौरान कुछ खास काम करने की मनाही होती है. इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है. 21 नंवबर को शुरू होने वाले पंचक 26 नवंबर को समाप्त हो रहे हैं. इसके बाद शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाएगी.
नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है. जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं. इस दौरान कुछ कार्यों पर विशेष रूप से पाबंदी रहती है. आइए जानते पंचक के दौरान कौन से कार्य वर्जित माने जाते हैं.
इन दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करने चाहिए. इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है. पंचक समाप्त होने के बाद शादी-विवाह, मुंडन, भवन निर्माण या गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य किए जा सकेंगे.
कहते हैं कि पंचक में अगर किसी की मृत्यु हो गई है और उसका अंतिम संस्कार अगर ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकता है. इसके बारे में विस्तार से गरुड़ पुराण में बताया गया है.
गरुड़ पुराण के अनुसार पंचक के दौरान अंतिम संस्कार करना है तो किसी विद्वान पंडित से सलाह लेनी चाहिए और जब अंतिम संस्कार कर रहे हों तो शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले बना कर अर्थी के साथ रखें और इसके बाद शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करना चाहिए.
पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनानी चाहिए. इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है. इसके अलावा दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है.