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पर्व-त्यौहार

PPE किट पहनकर धुनुची डांस! कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडाल में दिखी कोरोना संकट की झलक

कोलकाता के भवानीपुर अबसार सरबजनिन में दुर्गोत्सव
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भवानीपुर अबसार सरबजनिन दुर्गोत्सव, दक्षिण कोलकाता में सजी मां दुर्गा की मनमोहक मूर्ति. बंगाल के मूर्तिकार दुर्गा पूजा की मूर्तियों के लिए कई महीने लगा देते हैं, यही कारण है कि पंडालों में सजी एक एक मूर्ति खूबसूरत और अनूठी होती है.

सभी तस्वीरें- Subir Halder/India Today

भवानीपुर अबसार सरबजनिन दुर्गोत्सव
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दुनिया भर में अपने पांव पसार चुके कोरोना वायरस की थीम पर यह पंडाल बना है. कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है और हर रोज इससे संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. जब कोरोना संकट का असर, हमारी आम ज़िंदगी में इतना पड़ा है तो दुर्गा पूजा पंडालों पर क्यों नहीं? 

कोलकाता का दुर्गा पूजा पंडाल
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दक्षिण कोलकाता में सजा यह दुर्गा पंडाल कोरोना संकट को दर्शाता है कि किस तरह इसने दुनिया को उलट पलट कर दिया है. इस वायरस ने करोड़ों लोगों की ज़िंदगियों पर असर डाला है और लाखों लोगों की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी है.

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पीपीई किट पहन कर धुनुची डांस करते नृतक
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कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोलकाता के भवानीपुर अबसार सरबजनिन दुर्गा पंडाल में पीपीई किट पहन कर नृत्यकों ने धुनुची डांस किया. भले ही लोगों ने कोरोना महामारी के बीच भी अपने त्योहार मनाने के लिए सुरक्षित रास्ता निकाल लिया लेकिन वायरस की वजह से इस साल दुर्गा पूजा की चकाचौंध धीमी पड़ गई.  
 

धुनुची डांस का है खास महत्व
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बंगाल का धुनुची डांस दुर्गा पूजा के दौरान बहुत अहम माना जाता है. नवरात्रों में देवी मां को प्रसन्न करने के लिए यह नृत्य किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि देवी इससे खुश होकर सभी मन्नत पूर्ण करती हैं. 
 

यह डांस माँ की शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है
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धुनुची डांस मां की शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसमें नारियल जटा और हवन सामग्री (धुनो) का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे मां की आरती की जाती है. यह नवरात्रि के आखिरी तीन दिनों में किया जाता है.

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