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पर्व-त्यौहार

Kumbh Shahi Snan 2021: महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान, क्यों है खास?

आज महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का पहला शाही स्नान
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आज महाशिवरात्रि के दिन यानी 11 मार्च को हरिद्वार में महाकुंभ का पहला शाही स्नान शुरू हो चुका है. बारह साल में एक बार आयोजित होने वाला पूर्ण कुंभ मेला इस वर्ष हरिद्वार में आयोजित किया गया है.

पहले साधु-संत करते हैं शाही स्नान
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कुंभ मेले की शुरुआत शाही स्नान से होती है. सबसे पहले साधु-संत गंगा में डुबकी लगाते हैं. उसके बाद अन्य लोग स्नान का आनंद लेते हैं.

(फोटो-आशुतोष मिश्रा)

कुंभ में स्नान करने से मिलता है मोक्ष
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ में स्नान करने से व्यक्ति के रोग दूर होते हैं और सभी पापों से मुक्ति मिलती है, जिससे व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करने में सफल होता है.

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शाही स्नान से होती है अमरत्व की प्राप्ति
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शाही स्नान को राजयोगी स्नान भी कहा जाता है. हिंदू धर्म के अनुसार, देवताओं और राक्षसों द्वारा समुद्र मंथन के बाद अमृत कलश निकला और इस पाने के लिए दोनों पक्षों में लड़ाई हुई. गरूड़ अमृत कलश लेकर आकाश में उड़ गया और रास्ते में हरिद्वार, इलाहाबाद, नासिक और उज्जैन सहित चार स्थानों पर अमृत गिरा. इसलिए कहा जाता है कुंभ मेले के दौरान शाही स्नान करने से अमरत्व की प्राप्ति होती है.

शाही स्नान सुबह 4 बजे शुरू होता है
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शाही स्नान सुबह 4 बजे शुरू हुआ.. निर्धारित समय से पहले अखाड़ों से साधु-संत और उनके शिष्यों ने एक लंबा जुलूस निकाला.

साधु-संतों का लगता है तांता
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हजारों की तादाद में साधु-संत, अघोरी और नागा बाबा आदि शरीर पर भस्म में लिप्त नग्न अवस्था में स्नान किया. वे हाथों में कई तरह के हथियार, तलवार और वाद्य यंत्र आदि लेकर चलते दिखाई देते हैं.

 

(फोटो-आशुतोष मिश्रा)

स्नान के बाद साधू-संत लौट जाते हैं
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शाही स्नान कुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण होता है. पवित्र स्नान के बाद सभी संत आसपास के मंदिरों के दर्शन कर अपने मूल स्थानों पर लौट जाते हैं.

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