Amla Navami 2021: आंवला नवमी पर आज आवंला के वृक्ष की पूजा का विधान है. कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है. मान्यता के अनुसार इस दिन आंवले की पूजा करने से आरोग्यता और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है. माना जाता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी वास करते हैं. इस बार आंवला नवमी शुक्रवार, 12 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है.
आंवला नवमी पर पूजा का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि यानी की 12 नवंबर प्रात: 05 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो गई है, जिसका समापन 13 नवंबर, शनिवार को प्रात: 05 बजकर 31 मिनट पर होगा. इसलिए आज के ही दिन आंवला नवमी की पूजा और व्रत रखा जाएगा. पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 06 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक है.
पूजा विधि
आंवला के वृक्ष की हल्दी कुमकुम आदि से पूजा की जाती है. आंवला के वृक्ष को जल और कच्चा दूध अर्पित करें. इसके बाद आंवले के पेड़ की 9 या 108 परिक्रमा करते हुए तने में कच्चा सूत या मौली को लपेटा जाता है. पूजा के बाद कथा पढ़ें या फिर सुनें. पूजा समापन के बाद परिवार और मित्रों आदि के साथ वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किए जाने से विशेष लाभ मिलता है. इस दिन आंवला खाना भी बेहद शुभ माना जाता है.
मूल्यवान माना जाता आंवला
आंवले का फल पौराणिक दृष्टिकोण से रत्नों के समान मूल्यवान माना जाता है. कहते है कि शंकराचार्य ने इसी फल को स्वर्ण में परिवर्तित कर दिया था. इस फल का प्रयोग कार्तिक मास से आरम्भ करना अनुकूल माना जाता है. इस फल के सटीक प्रयोग से आयु, सौन्दर्य और अच्छे स्वस्थ्य की प्राप्ति होती है. मात्र यही ऐसा फल है जो सामान्यतः नुकसान नहीं करता है.
दूर होती दरिद्रता
कार्तिक मास में आंवले को भोजन में शामिल करें अथवा आंवले के रस में तुलसी मिलाकर सेवन करें. कार्तिक में आंवले का पौधा लगाने से संतान और धन की कामनाएं पूर्ण होती हैं. आंवले के फल को सामने रखकर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से दरिद्रता दूर होती है. अगर कर्ज से परेशान हों तो घर में आंवले का पौधा लगाएं. इसमें रोज सुबह जल डालें.