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Ashadh Maas 2023: शुरू होने जा रहा है आज से आषाढ़ मास, इस माह में इन खास बातों का रखें ख्याल

Ashadh Maas 2023: आषाढ़ मास को हिंदू कैलेंडर के अनुसार चौथा मास माना गया है. इस बार आषाढ़ मास 05 जून आज से शुरू हो रहा है और यह 04 जुलाई तक रहेगा. ये महीना तीर्थ यात्रा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. साथ ही इस माह में दान करना सबसे शुभ माना जाता है.

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आषाढ़ मास 2023
आषाढ़ मास 2023

Ashadh Maas 2023: हिंदू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ है. हिंदू धर्म के अनुसार, ये महीना पूजा-पाठ के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने से वर्षा ऋतु का आगमन होता है. मौसम में बदलाव होने की वजह से इस महीने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सचेत रहने की जरूरत होती है. इस बार आषाढ़ मास 05 जून यानी आज से 04 जुलाई तक रहेगा. 04 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा. आषाढ़ के महीने में देवशयनी एकादशी आती है. इस एकादशी के आने के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. इस महीने में भगवान विष्णु की खास पूजा-अर्चना की जाती है.

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आषाढ़ माह धार्मिक महत्व  

1. आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु का महीना होता है. इस दौरान श्रीहरि की पूजा-अर्चना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. 
2. आषाढ़ माह में आने वाली योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है. 
3. आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी आती है. इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं जिसके बाद से 4 महीनों तक सभी मांगलिक कार्य रुक जाते हैं.
4. आषाढ़ माह में ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गुरुजनों की पूजा की जाती है.  
5. आषाढ़ माह में श्रीहरि के साथ ही भगवान शिव की पूजा को भी काफी शुभ माना जाता है. इस माह में आने वाले प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है.

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आषाढ़ मास में क्या करें  

आषाढ़ के महीने को वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है. इस मौसम में संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में इस दौरान पौष्टिक और संतुलित आहार लें.

आषाढ़ माह में खान-पान की इन चीजों का रखें ध्यान 

- इस महीने में जल युक्त फल खाएं. 
- तेल की चीजों का कम से कम सेवन करें. 
- बासी भोजन का सेवन ना करें. 
- बाजार से लाई सभी चीजों को इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह से धोएं.

दान का महत्व 

आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ये महीना तीर्थ यात्रा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. इस महीने में दान और ध्यान दोनों का महत्व होता है. नमक, तांबा, कांसा, मिट्टी का पात्र, गेहूं, गुड़, चावल, तिल दान करना शुभ माना जाता है.
 

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