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Bada Mangal 2022: आखिरी बड़ा मंगल आज, जानें शुभ मुहूर्त और हनुमान जी की पूजा विधि

Last Bada Mangal 2022: ज्येष्ठ मास का आखिरी बड़ा मंगल 14 जून, मंगलवार यानी आज है. बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस दिन पूजा- अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी दुखों का नाश होता है.

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Bada Mangal 2022 shubh muhurat & puja vidhi
Bada Mangal 2022 shubh muhurat & puja vidhi
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस दिन विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा की जाती है
  • आज बड़ा मंगल होने के साथ ही पूर्णिमा तिथि भी है

ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है. इसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है. आज 14 जून 2022 को ज्येष्ठ मास का आखिरी बड़ा मंगल है. इस दिन विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा की जाती है. इस मौके पर जगह-जगह लोगों को भोजन,लंगर और जलपान कराया जाता है. माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन पूरी भक्ति से हनुमान जी की पूजा करता है उसके जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. 

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आज बड़ा मंगल होने के साथ ही पूर्णिमा तिथि भी है. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा व्रत रखा जाता है. ऐसे में इस दिन पूर्णिमा तिथी पड़ने से बड़ा मंगल का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है. आइए जानते हैं बड़ा मंगल का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

बड़ा मंगल 2022 शुभ मुहूर्त 

प्रारम्भ - 13 जून रात 9 बजकर 2 मिनट से शुरू
समाप्त - 14 जून शाम 5 बजकर 21 मिनट पर समाप्त

इसके अलावा बड़ा मंगल पर दो योग भी बन रहे हैं. सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक साध्य योग लगेगा, फिर उसके बाद शुभ योग शुरू हो जाएगा जो 15 जून सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. साथ ही आज राहुकाल का समय शाम 03 बजकर 51 मिनट से शाम 05 बजकर 35 मिनट तक है.

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बड़ा मंगल की कथा- 

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, महाभारत काल में जब भीम को अपने बल पर घमंड हो गया था तो हनुमान जी ने मंगलवार के दिन बूढ़े वानर का रूप धारण करके भीम के घमंड को तोड़ा था. वहीं, एक और कथा के अनुसार,  जब भगवान श्री राम वन में विचरण कर रहे थे तो उनका हनुमान जी से मिलन इसी दिन हुआ था. 

बड़ा मंगल पर इस तरह करें हनुमान जी की पूजा

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें. उसके बाद हनुमान जी को स्नान कराएं और साफ वस्त्र पहनाएं. इसके बाद हनुमान जी को लाल फूल, अक्षत्, चंदन, धूप, दीप, गंध, लाल लंगोट अर्पित करें. फिर हनुमान जी को लड्डू और बूंदी का भोग लगाएं. इसके बाद सिंदूर चढ़ाएं. अंत में हनुमान चालीसा का पाठ करें. 

 

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