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Basant Panchami 2021: आ गई बसंत पंचमी, भूलकर भी न करें ये काम, पूजा का शुभ मुहूर्त भी जान लें

वर्ष के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसको "अबूझ मुहूर्त"भी कहा जाता है. इसमें विवाह, निर्माण और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ऋतुओं के इस संधिकाल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है.

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Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी पर भूलकर भी न करें ये काम, जानें पूजन सही विधि और शुभ मुहूर्त
Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी पर भूलकर भी न करें ये काम, जानें पूजन सही विधि और शुभ मुहूर्त
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कुंडली में विद्या का योग न होने पर बसंत पंचमी पर विशेष पूजन
  • क्या है पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त?

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है. इस पर्व को वसंत पंचमी कहते हैं. वर्ष के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसको "अबूझ मुहूर्त"भी कहा जाता है. इसमें विवाह, निर्माण और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ऋतुओं के इस संधिकाल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. इसके अलावा संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी इस काल में लिया जा सकता है. अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.

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ये गलतियां करने से बचें
इस दिन पीले या सफेद वस्त्र धारण करें. काले या लाल वस्त्र न पहनें. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. यह पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे में करें. मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले और सफेद पुष्प अवश्य अर्पित करें. प्रसाद में मिसरी, दही और लावा समर्पित करें. मां सरस्वती के बीज मंत्र "ॐ ऐं नमः" या "ॐ सरस्वत्यै नमः" का जाप करें. मंत्र जाप से पहले प्रसाद ग्रहण न करें. किसी को अपशब्द न कहें और पेड़-पौधों को नुकसान न पहुंचाए.
 
क्या करें अगर एकाग्रता की समस्या है?
जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या हो. आज से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें. बुधवार को मां सरस्वती को सफेद फूल अर्पित किया करें.

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बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का शुभ मुहुर्त: मंगलवार, 16 फरवरी को सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक.

कैसे मिलेगा लाभ?
इस दिन मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें और वर्ष भर उसी कलम का प्रयोग करें. पीले या सफेद वस्त्र जरूर धारण करें. काले रंग से बचाव करें. केवल सात्विक भोजन करें और प्रसन्न रहें. पुखराज और मोती धारण करना अतीव लाभकारी होता है. वसंत पंचमी के दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित करके धारण करना भी श्रेष्ठ परिणाम देगा.

 

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