भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) का महत्व जानने से पहले बता दें कि भौम का अर्थ है मंगल और प्रदोष का अर्थ है त्रयोदशी तिथि. मंगलवार को त्रयोदशी तिथि होने से इसको भौम प्रदोष कहा जाता है. इस दिन शिवजी और हनुमानजी दोनों की पूजा की जाती है. इस दिन शिव की उपासना करने से हर दोष का नाश होता है. साथ ही हनुमान (Hanuman) की पूजा करने से शत्रु बाधा शांत होती है और कर्ज से छुटकारा मिलता है. इस दिन उपवास करने से गोदान का फल मिलता है और उत्तम लोक की प्राप्ति होती है. भौम प्रदोष के दिन हनुमान की उपासना करने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है. इस बार भौम प्रदोष मंगलवार, 15 सितंबर को पड़ रहा है.
भौम प्रदोष के दिन कैसे उपासना करें?
प्रातः काल उठकर पूजा का संकल्प लें. इसके बाद ईशान कोण में शिव (Lord Shiva) की स्थापना करें. शिव को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें. कुश के आसन पर बैठकर शिवजी के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद अपनी समस्याओं के अंत होने की प्रार्थना करें. निर्धनों को भोजन कराएं. अगर ये पूजा प्रदोष काल में कर लें तो और भी उत्तम होगा.
मंगल दोष की समस्या से मुक्ति
भौम प्रदोष के दिन शाम को हनुमान के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं. उन्हें हलवा पूरी का भोग लगाएं. भाव सहित सुन्दरकाण्ड का पाठ करें. मंगल दोष की समाप्ति की प्रार्थना करें. हलवा पूरी का प्रसाद निर्धनों में बांट दें. मंगल दोष की पीड़ा से छुटकारा मिलेगा.
शत्रु-विरोधियों को शांत करने के लिए क्या करें?
प्रातःकाल लाल वस्त्र धारण करके हनुमान जी की उपासना करें. हनुमान को लाल फूलों की माला चढ़ाएं, दीपक जलाएं और गुड़ का भोग लगाएं. इस दिन ताम्बे का तिकोना टुकड़ा भी अर्पित करें. इसके बाद संकटमोचन हनुमानाष्टक का 11 बार पाठ करें. गुड़ का भोग बाटें और ग्रहण करें. तिकोने टुकड़े को गले में धारण कर लें या अपने पास रख लें.
कर्ज मुक्ति के लिए क्या उपाय करें?
कर्ज मुक्ति का प्रयोग भौम प्रदोष की रात्रि को करें. रात्रि को हनुमान के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इस दीपक में नौ बातियां लगाएं, हर बाती जलाएं. इसके बाद हनुमान को उतने लड्डू अर्पित करें. "हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट" का जाप करें. फइर लड्डू का भोग बांट दें.