आज चैत्र पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग में चैत्र महीने में आने वाली इस पूर्णिमा का बड़ा महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु के उपासक भगवान सत्यनारायण की विशेष पूजा करते हैं. चैत्र पूर्णिमा 8 अप्रैल यानी बुधवार को है, हालांकि इसका उपवास 7 अप्रैल को किया गया था.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज नगरी में रास उत्सव रचाया था. इस रास उत्सव को महारास के नाम से जाना जाता है. ऐसी भी मान्यताएं हैं कि इस दिन प्रभु श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म भी हुआ था. आज भगवान सत्यनारायण के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. चैत्र पूर्णिमा के साथ ही वैशाख महीना का आगमन हो जाता है.
चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि
- इस दिन भगवान सत्य नारायण की पूजा कर उनकी कृपा पाने के लिए सत्यनारायण की कथा सुनते हैं. इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है.
- पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान-दान और हवन का बहुत महत्व है. इस दिन हनुमान जयंती होने की वजह से पूर्णिमा की पूजा करना अत्यंत फलदायी है.
- इसके बाद सूर्य देव की पूजा करें और उनका मंत्र जाप करें. रात के वक्त चंद्र देव का भी विधि से पूजन करने का विधान है.
- चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है. इस दिन हनुमनजी की विधिवत पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. हर तरह के संकट मिट जाते हैं.
ये भी पढ़ें: हनुमान जयंती पर कैसे करें बजरंगबली को प्रसन्न, शुभ मुहूर्त भी जानिए
- चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान जी के साथ भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी की पूजा की जाती है.
- इस दिन रामचरितमानस और बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किन्धा कांड, सुन्दर कांड, लंका कांड एवं उत्तरकांड का भी विशेष पाठ किया जाता है.