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Chhath Puja 2021: UP के इस शहर में छठ पर सूर्य देव से पहले, घोड़ों की होती है पूजा

Chhath Puja 2021: यूं तो भगवान भास्कर की उपासना के पर्व डाला छठ में अस्ताचलगामी और अगले दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन यूपी के चंदौली में भगवान सूर्य के साथ ही उनकी सवारी घोड़े का भी पूजन करने का विधान है. छठ पर्व के दौरान नगर भ्रमण के लिए सात घोड़े छोड़े जाते हैं. व्रती महिलाएं इन घोड़ों की पूजा करती हैं और आरती उतारने के साथ ही उन्हें चना और गुड़ खिलाकर पूजा सफल होने का आशीर्वाद मांगती हैं.

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छठ पर सूर्य देव से पहले, घोड़ों की होती है पूजा
छठ पर सूर्य देव से पहले, घोड़ों की होती है पूजा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ में अनोखी परंपरा
  • पूजा के दौरान नगर में भ्रमण के लिए छोड़े जाते हैं सात घोड़े
  • व्रती महिलाएं इन घोड़ों की करती हैं पूजा और उतारती हैं आरती

Chhath Puja 2021: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के दीनदयालनगर में मानसरोवर तालाब स्थित सूर्य मंदिर के पास सूर्य देव की सवारी घोड़ों की पूजा की जाती है. यह घोड़े पूरे नगर में भ्रमण करते हैं और छठ व्रती महिलाओं के घरों तक जाते हैं. जहां व्रती महिलाएं इन घोड़ों की आरती उतारती हैं और साथ ही साथ चना और गुड़ खिलाकर आशीर्वाद मांगती हैं. मान्यता है कि डाला छठ के दौरान नगर भ्रमण पर निकले इन घोड़ों के पांव जहां भी पड़ते हैं. वह स्थान पवित्र हो जाता है.

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7 घोड़े निकलते हैं नगर भ्रमण पर 
दिवाली के ठीक छह दिन बाद मनाए जाने वाले छठ पर्व का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी का व्रत करने का विधान है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से की गई इस पूजा से भक्तों  की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इसे करने लोग धन-धान्य, संतान सुख तथा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहते हैं. साथ ही लोगों का यह भी मानना है कि भगवान  सूर्य की सवारी घोड़े की पूजा करने से उनका व्रत सफल होता है और घर में सुख समृद्धि आती है. इस उद्देश्य से छठ के महापर्व के दौरान 7 घोड़ों को नगर भ्रमण कराने की शुरुआत सन 2006 में हुई थी. उसके बाद से हर साल छठ पूजा के दौरान इन घोड़ों को सजाकर नगर भ्रमण कराया जाता है. मान्यता है कि डाला छठ के दौरान घोड़े के पांव जहां भी पड़ते हैं. वह स्थान पवित्र हो जाता है. 

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ये कहती हैं व्रती महिलाएं 
छठ व्रत कर रही चंदौली के दीनदयाल नगर की गुड़िया ने बताया दो साल से व्रत रख रहे हैं. हमारे दरवाजे पर भी नगर भ्रमण को निकलने वाले घोड़े आए हैं, इनका हमने गुड़ और चना खिलाकर स्वागत किया, पूजा करने के बाद आरती भी उतारी. ये सूर्य भगवान की सवारी है, इसलिए हम लोग इनको बहुत ही मानते हैं. व्रती महिला सुनीता देवी ने बताया कि इस बार छठ पूजा पर कोरोना जैसी महामारी को दूर भगाने के लिए छठी मैया और भगवान सूर्य देव से कामना की है. उन्होंने बताया कि मानसरोवर तालाब से जो घोड़े आते हैं उनका चना गुड़ खिलाकर स्वागत करते हैं और आरती उतारते हैं. दरवाजे पर घोड़ा आता है तो बहुत खुशी होती है. 


छोड़े जाते हैं सात घोड़े 
दीनदयाल नगर में मानसरोवर तालाब छठ पूजा समिति के अध्यक्ष कृष्णा गुप्ता ने बताया कि 2006 से लगातार डाला छठ पूजा में सूर्य देव की सवारी सात घोड़े संस्था के द्वारा छोड़े जाते हैं जो नगर भ्रमण करते हैं और गलियों में घूमते हैं. व्रती लोग उत्साहित होते हैं. उन्होंने बताया कि प्रहरी के रूप में यह घोड़े नगर भ्रमण करते हैं. 

 

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