Chhath Puja 2021: छठ यानी आस्था और भक्ति के इस पर्व के दूसरे दिन आज खरना है. व्रती आज निर्जला व्रत रखेंगे और शाम को सूर्य को अर्ध्य देंगे. खरना शब्द का अर्थ होता है शुद्धिकरण करना. छठ पर्व के पहले दिन को नहाय-खाय होता है, जिस प्रकार इस दिन व्रती लोग एक समय भोजन करते हैं और इसके बाद अपने शरीर और मन को शुद्ध करना आरंभ कर देते हैं. वहीं दूसरे दिन खरना से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. इस बार खरना से दूसरे अर्घ्य तक रसकेसरी के साथ कई विशेष योग बन रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार ये योग श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायी होंगे.
बन रहे ये तीन योग
अस्ताचलगामी सूर्य देव को प्रथम अर्घ्य 10 नवंबर को और उदीयमान सूर्य देव को अर्घ्य 11 नवंबर को दिया जाएगा. सूर्यदेव को पहला अर्घ्य अर्पित करने के दिन मकर राशि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में है. तुला राशि में सूर्य, मंगल और बुध, वृश्चिक में केतु, धनु में शुक्र, मकर में शशिचंद्र, गुरु, वृष में राहु रहेंगे. गुरु चंद्रमा के साथ रहने से गजकेसरी और चंद्रमा से द्वादश भाव में शुक्र रहने से अनफा योग बनेगा. वहीं 11 नवंबर को चंद्रमा से दशम भाव में बुध के रहने से अमलकीर्ति योग बनेगा. सूर्य और मंगल की युति से पराक्रम योग का निर्माण इस बार हो रहा है. मकर राशि श्रवण नक्षत्र में, तुला राशि में मंगल, बुध और सूर्य, वृश्चिक में केतु, धनु में शुक्र, मकर में शनि, चंद्र, गुरु और वृष में राहु रहेंगे.
मिलेगा दोगुना फल
महापर्व छठ पर खरना से लेकर दूसरे अर्घ्य तक कई विशेष योग इस बार बन रहे हैं, जो सूर्यदेव की अराधना करने वालों के अलावा इस काम में सहयोग करने वालों के लिए फलदायी हैं. आज खरना के दिन धनु राशि पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में, तुला राशि में मंगल, बुध और सूर्य रहेंगे. वृश्चिक केंद्र में होंगे, धनु शुक्र और चंद्र एवं वृष राहु में होंगे. इस वजह से आज बुधादित्य एवं रसकेसरी योग बन रहा है. वहीं छठ में बनने वाले अनफा योग से व्रती और श्रद्धालुओं की मानसिक प्रसन्नता बढ़ेगी. सूर्य और मंगल की युति से बनने वाले पराक्रम योग से आरोग्यता बढ़ेगी. अमल कीर्ति योग से समाजिक यश के साथ पद-प्रतिष्ठा और व्यापार में वृद्धि होगी.