कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है. माना जाता है इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान ,अमृत का कलश लेकर धन्वन्तरी प्रकट हुए थे. धन्वन्तरी देवताओं के वैद्य हैं. यही वजह है कि धनतेरस के दिन अपनी सेहत की रक्षा और आरोग्य के लिए धन्वन्तरी देव की उपासना की जाती है.
इस दिन को कुबेर का दिन भी माना जाता है और धन सम्पन्नता के लिए कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन लोग मूल्यवान धातुओं का और नए बर्तनों व आभूषणों की खरीदारी करते हैं.
उन्हीं बर्तनों तथा मूर्तियों आदि से दीपावली की मुख्य पूजा की जाती है . इस बार धनतेरस का पर्व 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
पूजन का शुभ समय
सायंकाल 07.30 से 09.00 के बीच में खरीदारी करें.
इसी समय में पूजा उपासना भी करें.
सायं 03.00 से 04.30 के बीच पूजन और खरीदारी न करें.
वर्ष भर घर में धन का अभाव न हो, करें ये उपाय...
- धनतेरस के दिन छोटी ही सही चांदी की वस्तु जरूर खरीदें.
- इसे लाकर घर में पूजा स्थान पर रख दें.
- दीपावली के दिन इस वस्तु को मां लक्ष्मी को अर्पित करें.
- दीपावली के अगले दिन इसको चावल के ढेर में डाल दें.
- इसे वहीं पर वर्ष भर रहने दें.
- धन की बिल्कुल भी समस्या नहीं होगी.