Dhanteras 2021: धनतेरस पर सोना-चांदी के अलावा बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही घर में आप कई तरह की नई चीजें ला सकते हैं, लेकिन यदि इस दिन कुछ भी नहीं खरीद पा रहे हैं, तो मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए एक नई झाड़ू खरीदकर जरूर लानी चाहिए. आइए जानते हैं कि आखिर धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदना जरूरी? क्या करना है पुरानी वाली झाड़ू का?
इसलिए खरीदें नई झाड़ू (Buy Broom on Dhanteras 2021)
ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय ने बताया कि धनतेरस का दिन खरीदारी के लिए बहुत शुभ है. सोना, चांदी और पीतल के बर्तन खरीदने के साथ ही इस दिन घर में नई झाड़ू खरीदकर जरूर लानी चाहिए. झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान है तो धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदें. माना जाता है कि झाड़ू से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मकता का संचार होता है. झाड़ू को घर में सुख समृद्धि का कारक भी माना जाता है.
पुरानी झाड़ू के साथ क्या करना है? (Rules of buying broom on Dhanteras 2021)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पुरानी झाड़ू को धनतेरस के बाद इस्तेमाल नहीं करें. हो सके तो धनतेरस पर आधी रात के बाद इसे घर से बाहर निकाल दें या फिर आप इसे दिवाली की रात भी घर से बाहर निकाल सकते हैं. इसके अलावा, नई झाड़ू लाने के बाद उसमें एक सफेद रंग का धागा बांध देना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर की आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है.
इन बातों का रखें ध्यान
1. धनतेरस के दिन जब भी झाड़ू खरीद कर लाएं तो उसे फर्श पर लिटाकर रखें. झाड़ू को खड़ा रखना अपशकुन माना जाता है. झाड़ू को हमेशा घर के कोने में छिपाकर रखा जाता है.
2. झाड़ू पर पैर नहीं रखना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी मां रुष्ट हो जाती हैं. माना जाता है कि झाड़ू का आदर करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
3. दिवाली के दिन मंदिर में झाड़ू दान करने की भी परंपरा है. कहा जाता है कि इस दिन झाड़ू दान करने से घर में लक्ष्मी आती हैं. हालांकि दिवाली के दिन दान की झाड़ू धनतेरस पर ही खरीद लेनी चाहिए.
4. कभी भी घर में उल्टा झाड़ू नहीं रखना चाहिए. कहते हैं इससे घर में कलह बढ़ती है. झाड़ू को कभी भी घर से बाहर या फिर छत पर नहीं रखना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में चोरी होने का भय उत्पन्न होता है.