आज से शारदीय नवरात्रि शुरू है. हर साल आश्विन शुक्ल प्रतिपदा में शारदीय नवरात्रि शुरू होती है. इस बार हस्त नक्षत्र होने के कारण यह और भी शुभ हो गया है.
नवरात्रि के पहले दिन चंद्रमा कन्या राशि में है. राहुकाल का समय दोपहर 01:30 से 3.30 बजे है.
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में श्री यन्त्र स्थापित करने से मां विशेष कृपा बरसाती हैं. यन्त्र एक विशेष प्रकार की सधी हुई ज्यामितीय आकृति है, जो मन्त्रों का भौतिक स्वरुप है.
किसी विशेष मंत्र या शक्ति को अगर रूप में ढाला जाए तो यंत्र का निर्माण होता है. यन्त्र में आकृति, रेखाओं और बिंदु का विशेष प्रयोग होता है. एक भी रेखा, आकृति या बिंदु के गलत होने से अर्थ का अनर्थ हो सकता है. यन्त्र दो तरह के होते हैं रेखाओं और आकृतियों वाले तथा अंकों वाले. आकृति वाले यन्त्र ज्यादा ताकतवर होते हैं. अंकों वाले कम.
श्री यन्त्र की महिमा क्या है ?
- श्री यन्त्र की सिद्धि भगवन शंकराचार्य ने की थी.
- दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्द और ताकतवर यन्त्र यही है.
- हालांकि इसको धन का प्रतीक मानते हैं, लेकिन ये धन के अलावा शक्ति और अपूर्व सिद्धि का भी प्रतीक है.
- श्री यन्त्र के प्रयोग से सम्पन्नता, समृद्धि और एकाग्रता की प्राप्ति होती है.
- इसके सही प्रयोग से हर तरह की दरिद्रता दूर की जा सकती है.
- यह बहुत सारे तरीके का होता है, समतल, उभरा हुआ और पिरामिड की तरह का.
- हर तरह का श्री यन्त्र अपने तरीके से लाभकारी होता है.
श्री यन्त्र के प्रयोग की सावधानियां क्या हैं?
- श्री यन्त्र की आकृति दो प्रकार की होती है - उर्ध्वमुखी और अधोमुखी.
- भगवान शंकराचार्य ने उर्ध्वमुखी प्रतीक को सर्वाधिक मान्यता दी है.
- यन्त्र की स्थापना करने के पूर्व देख लें कि यह बिल्कुल ठीक बना हो.
- अन्यथा आप हर तरह की मुश्किल में आ सकते हैं.
- श्री यन्त्र आप काम करने के स्थान पर, पढ़ने के स्थान पर और पूजा के स्थान पर लगा सकते हैं.
- जहां भी श्री यन्त्र की स्थापना करें, वहां सात्विकता रखें और नियमित मंत्र जाप करें.
धन के लिए श्री यन्त्र का प्रयोग कैसे करें ?
- स्फटिक का पिरामिड वाला श्री यंत्र पूजा के स्थान पर स्थापित करें
- इसे गुलाबी कपड़े या छोटी सी चौकी पर स्थापित करें
- नित्य प्रातः इसे जल से स्नान कराएं, पुष्प अर्पित करें
- घी का दीपक जलाकर श्री यन्त्र के मंत्र का जाप करें
- मंत्र होगा - श्रीं ह्रीं क्लीं एं सौ: ऊं ह्रीं श्रीं क ए इ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौ: एं क्लीं ह्रीं श्रीं
एकाग्रता के लिए श्री यन्त्र का कैसे प्रयोग करें ?
- उर्ध्वमुखी श्री यन्त्र का चित्र अपने काम या पढ़ने की जगह पर लगाएं
- चित्र रंगीन हो तो ज्यादा बेहतर होगा
- इसको इस तरह लगाएं कि यह आपकी आंखों के ठीक सामने हो
- जहां भी इसको स्थापित करें, वहां गंदगी न फैलाएं, नशा न करें
निरोगी भव
- जहां तक हो सके नवरात्रि में अन्न का सेवन न करें
- ज्यादा से ज्यादा, जल और फल का सेवन करें
- इससे शरीर शीघ्र विषमुक्त होगा
भाग्य का दरवाजा
- पूजा के स्थान पर कुछ सिक्के जरूर रखते रहें
- इनको जरूरतमंद को दान कर दें
- धन की स्थिति अच्छी रहेगी
शुभ पहर
- आज का शुभ पहर है - सायं 07.00 से रात्रि 08.30 तक
- इस समय में देवी को लाल पुष्प अर्पित करें
- आपकी सूर्य सम्बन्धी समस्याएं दूर होंगी