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#Navratri आज से शुरू, जानें शुभ मुहूर्त और घट स्थापना का सही समय

आज से शारदीय नवरात्रि‍ शुरू, जानिये कब तक है शुभ मुहूर्त और राहू काल का समय कब से कब तक है. राहू काल में घट स्थापना हो सकता है विनाशकारी, पढ़ें...

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दुर्गा माता
दुर्गा माता

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शारदीय नवरात्र इस बार 21 सितंबर से शुरू हो रहा है. नवरात्र के नौ दिन में मां अपने भक्तों पर दिल खोलकर आर्शीवाद बरसाती हैं. नवरात्र के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है.

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय के अनुसार 21 सितंबर को कलश की स्थापना आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को की जाती है. इस बार प्रतिपदा प्रातः 10.34 तक रहेगी. अतः प्रातः 10.34 के पूर्व ही कलश की स्थापना कर लें. इसमें भी सबसे ज्यादा शुभ समय होगा प्रातः 06.00 से 07.30 तक कलश स्थापना.

पूर्वाह्न 10:44 से 12.13 बजे तक, वहीं दोपहर 12.20 से 1.51 बजे तक लाभ की चौघड़ि‍या और राहू काल 1.30 से 3 बजे तक है. इस दौरान घट स्थापना ना करें.

शाम में घट स्थापना

शाम को 4.43 से 7.53 बजे तक भी घट स्थापना का शुभ मुहूर्त है आप इस बीच भी घट स्थापना कर सकते हैं. लेकिन जहां तक संभव हो घट स्थापना सुबह 10.34 बजे से पहले ही करें तो अच्छा होगा.  

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देवी का पट खुलेगा

देवी बोधन 26 सितंबर मंगलवार को होगा. बांग्ला पूजा पद्धति को मानने वाले पंडालों में उसी दिन पट खुल जाएंगे. जबकि 27 सितंबर सप्तमी तिथि को सुबह 9.40 बजे से देर शाम तक माता रानी के पट खुलने का शुभ मुहूर्त है. शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना से आपकी पूजा सफल होती है. सुबह उठकर सप्तशती का पाठ करना शुभ रहता है.

कैसे करें कलश स्थापना

अगर आप घर में कलश स्थापना कर रहे हैं तो सबसे पहले कलश पर स्वास्तिक बनाएं. फिर कलश पर मौली बांधें और उसमें जल भरें. कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र और पंचरत्न व सिक्का डालें. इसमें अक्षत भी डालें.

अखंड जोत

ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में नवरात्र के दौरान अखंड दीप जलाया जाता है, उन पर मां का विशेष आर्शीवाद होता है. लेकिन ध्यान रहे कि अखंड दीप जलाने के कुछ नियम होते हैं. मसलन अखंड दीप जलाने वाले व्यक्ति को जमीन पर ही बिस्तर लगाकर सोना पडता है. किसी भी हाल में जोत बुझना नहीं चाहिए और इस दौरान घर में भी साफ सफाई का खास ध्यान रखा जाना चाहिए.

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