नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की अर्चना की जाती है. वाराणसी के अलईपुर क्षेत्र में मां शैलपुत्री का मंदिर है. मान्यता है कि नवरात्र के पहले दिन इनके दर्शन से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. वैवाहिक बाधा हो या पुत्र प्राप्ति की अभिलाषा, मां अपने दर पर आने वाले हर भक्त की आकांक्षा पूरी करती हैं.
मां शैलपुत्री की कहानी
मां शैलपुत्री के इस मंदिर के बारे में एक कथा भी प्रचलित है. बताया जाता है कि मां पार्वती ने हिमवान की पुत्री के रूप में जन्म लिया और शैलपुत्री कहलाईं. माता एक बार किसी बात पर भगवान शिव से नाराज होकर कैलाश से काशी आ गईं और जब भोलेनाथ उन्हें मनाने आए तो उन्होंने महादेव से आग्रह किया कि यह स्थान उन्हें बेहद प्रिय लगा. तभी से माता अपने दिव्य रूप में यहां विराजमान हैं.
नवरात्रि के पहले दिन का महत्व
- नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है
- मन में उल्लास , उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है
- दुनिया में सारी शक्ति, नारी या स्त्री स्वरुप के पास ही है , इसलिए इसमें देवी की उपासना ही की जाती है
- नवरात्रि के प्रथम दिन देवी के शैलपुत्री स्वरुप की उपासना की जाती है
- इनकी उपासना से देवी की कृपा तो मिलती ही है साथ में सूर्य भी काफी मजबूत होता होता है
- सूर्य सम्बन्धी जैसी भी समस्या हो आज के दिन दूर की जा सकती है
- इस बार नवरात्रि का प्रथम दिन 21 मार्च को होगा