scorecardresearch
 

करवा चौथ: जानें महत्‍व और व्रत की विधि

रविवार को पूरे देश में महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख अपने पति के लंबे उम्र की कामना करेंगी. लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि करवा चौथे का महत्‍व क्‍या है...

Advertisement
X
करवा चौथ का व्रत
करवा चौथ का व्रत

Advertisement

इस बार करवा चौथे रविवार 8 अक्‍टूबर को है. अपने पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और अपने चंद्रमा की पूजा करती हैं. यह नीरजल व्रत होता है, जिसमें चांद देखने और पूजने के बाद ही अन्‍न व जल ग्रहण किया जाता है.

करवा चौथ का व्रत कार्तिक हिन्दू माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दौरान किया जाता है.

महत्‍व

करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी एक ही दिन होता है. संकष्‍टी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उनके लिए उपवास रखा जाता है. करवा चौथ के दिन मां पारवती की पूजा करने से अखंड सौभाग्‍य का वरदान प्राप्‍त होता है. मां के साथ-साथ उनके दोनों पुत्र कार्तिक और गणेश जी कि भी पूजा की जाती है. वैसे इसे करक चतुर्थी भी कहा जाता है. इस पूजा में पूजा के दौरान करवा बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे ब्राह्मण या किसी योग्य सुहागन महिला को दान में भी दिया जाता है.

Advertisement

करवा चौथ के चार दिन बाद महिलाएं अपने पुत्रों के लिए व्रत रखती हैं, जिसे अहोई अष्‍टमी कहा जाता है.

करवाचौथ व्रत की उत्तम विधि

आइए जानें, करवाचौथ के व्रत और पूजन की उत्तम विधि के बारे जिसे करने से आपको इस व्रत का 100 गुना फल मिलेगा...

- सूर्योदय से पहले स्नान कर के व्रत रखने का संकल्पत लें.

- फिर मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी वगैरह ग्रहण करके व्रत शुरू करें.

- फिर संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें.

- गणेश जी को पीले फूलों की माला , लड्डू और केले चढ़ाएं.

- भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें.

- श्री कृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं.

- उनके सामने मोगरा या चन्दन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं.

- मिटटी के कर्वे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं.

- कर्वे में दूध, जल और गुलाबजल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें.

- इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है.

- इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए.

- कथा सुनने के बाद अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए.

Advertisement

- फिर पति के पैरों को छूते हुए उनका आशीर्वाद लें .

- पति को प्रसाद देकर भोजन कराएं और बाद में खुद भी भोजन करें.

Advertisement
Advertisement