Diwali 2021 Sthira lagna: दिवाली गुरुवार के दिन पड़ रही है. ये दिन दीपोत्सव के लिए शुभ है. क्योंकि गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का पूजन करने से जातकों को विशेष लाभ होगा. ज्योतिष के अनुसार शुभ चौघड़िया और स्थिर लग्न के मुहूर्त में दिवाली पूजन से मां लक्ष्मी का स्थायी वास आपके घर में होता है. लेकिन इस साल दिवाली के स्थिर लग्न मुहूर्त पर राहु का ग्रहण है, इसलिए इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से पहले कुछ विशेष उपाय करने होंगे.
इसलिए स्थिर लग्न पर राहु का ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि दिवाली के दिन सर्वाधिक लोग स्थिर लग्न में पूजा करते हैं, जो शुक्र ग्रह का लग्न है. स्थिर लग्न में की गई पूजा स्थायी व अत्यधिक फलदायी मानी जाती है. लेकिन इस वर्ष 4 नवंबर 2021 को वृष लग्न में राहु ग्रह गोचर कर रहा है. वहीं केतु सप्तम दृष्टि से उसे देख रहा है, जो अशुभ है. ऐसा योग 2002 में दिवाली पर बना था. वृष लग्न से षष्ठम भाव यानि ऋण रोग, शत्रु, नेष्ठ भाव में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्र रहेंगे, जिन पर शनि की दशम दृष्टि रहेगी और शुक्र लग्नेश भी नेष्ट भाव, मृत्यु भाव यानि धनु राशि में अष्टम भाव में होगा. इसलिए इस साल वृष लग्न में पूजा करना शुभ नहीं रहेगा.
ये है पूजा का श्रेष्ठ समय
डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि मिथुन लग्न में पूजन करना शुभ एवं श्रेष्ठ रहेगा, जिसका स्वामी बुध ग्रह है. इस हिसाब से आप रात्रि 8 बजकर 06 मिनट से 10 बजकर 15 मिनट तक मां लक्ष्मी का पूजन कर सकते हैं. क्योंकि मिथुन लग्न का स्वामी बुध लग्न से पंचम भाव में रहेगा, जो शुभ है. इस बार मिथुन लग्न में दिवाली पूजन करना सभी के लिए शुभ एवं लाभदायक रहेगा. व्यापार में उन्नति और धन समृद्धि करने वाला सिद्ध होगा.
करें ये उपाय
दिवाली पूजा में समय लग्न का विशेष महत्व होता है. इस साल वृष लग्न में राहु ग्रह गोचर कर रहा है. इसलिए इस लग्न पर स्थित राहु पर मंगल ग्रह की दृष्टि है. इस योग के कारण पूजा में विघ्न-बाधा अथवा दुर्घटना होने की आशंका है. इसलिए दिवाली पूजन से पहले राहु की पूजा, राहु से संबंधित वस्तुएं जैसे नीले वस्त्र, काले तिल, काला कपड़ा, सरसों का तेल, कंबल, लोहे आदि की चीजों का दान करें. राहु के इन नियमों का पालन करने के बाद आप स्थिर लग्न में पूजा कर सकते हैं.
स्थिर लग्न पूजा का समय
शाम को 6 बजकर 06 मिनट से रात्रि 8 बजकर 02 मिनट तक. जो स्थिर लग्न में पूजा करना चाहते हैं, उन्हें राहु की पूजा, दान करना अतिआवश्यक है, तभी दिवाली पर की गई पूजा का शुभ फल मिलेगा.
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