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Diwali 2022 Timings & Shubh Muhurat: दिवाली का त्योहार आज, जानें शुभ मुहूर्त, टाइमिंग, पूजन विधि और महाउपाय

Diwali 2022 Timings Shubh Muhurat: इस साल दिवाली का त्योहार आज 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जा रहा है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर भगवान और मां सरस्वती की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं आज रात कितने बजे करें मां लक्ष्मी का पूजन, जाने विधि, मंत्र, दिवाली के महाउपाय और जानें पूजन के दौरान किन बातों का रखें ध्यान.

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दिवाली 2022 (Photo Credit: Getty Images)
दिवाली 2022 (Photo Credit: Getty Images)

Diwali 2022: कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 यानी आज मनाया जा रहा है. दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन माता लक्ष्मी भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं. माना जाता है कि दीपावली के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे. 14 वर्ष का वनवास पूरा कर भगवान  राम के अयोध्या लौटने की खुशी में लोगों ने पूरे अयोध्या को दीयों से सजाया था. तभी से पूरे देश में दीपावली मनाई जाती है. आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, संयोग और पूजा विधि के बारे में विस्तार से - 


दिवाली लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त (Diwali Laxami Puja Shubh Muhurat)

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 24, 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट से शुरू
अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 25, 2022 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर खत्म

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजे से लेकर  रात 9 बजे तक

प्रदोष काल - शाम 06 बजकर 10 मिनट से शाम 08 बजकर 39 मिनट तक

वृषभ काल - शाम 07 बजकर 26 मिनट से रात 09 बजकर 26 मिनट तक

लक्ष्मी पूजन की सामग्री (Laxami Pujan Samagri)


दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश, मां सरस्वती और भगवान कुबेर की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दीपक, मां लक्ष्मी के वस्त्र, मां लक्ष्मी के श्रृंगार का सामान.

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दिवाली पर इस विधि से करें लक्ष्मी पूजा  (Diwali Laxami Puja Vidhi)

सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवी देवताओं की पूजा करें. शाम के समय लक्ष्मी पूजन के दौरान सबसे पहले शुद्धिकरण कर लें. सबसे पहले अपने ऊपर जल छिड़ककर शुद्धिकरण कर लें. इसके बाद सभी सामग्री पर भी जल छिड़क लें. इसके बाद हथेली में तीन बार जल लेकर उसे पी लें और चौथी बार हाथ धो लें .  चौकी पर स्वास्तिक का चिह्न बनाकर लाल कपड़ा बिछा लें और भगवान गणेश, माता लक्ष्मी , कुबेर भगवान और मां सरस्वती की नई मूर्तियों को स्थापित करें. इसके बाद दीप को जला लें. इसके बाद सबसे पहले संकल्प लें. इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान कर लें. इसके बाद माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और मां सरस्वती का स्मरण करें. इसके बाद कलश का ध्यान करें. अब मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए. अब फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इनके साथ-साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. पूजा करते समय 11 छोटे दीप और एक बड़ा दीप जलाना चाहिए. 

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लक्ष्मी मां की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान 

 तुलसी को विष्णु प्रिय कहा जाता है और भगवान व‌िष्‍णु के शाल‌िग्राम स्वरूप से उनका विवाह हुआ है. इस नाते वह देवी लक्ष्मी की सौतन हैं. इसलिए देवी लक्ष्मी को कुछ भी अर्पित करते समय उसमें तुलसी और तुलसी मंजरी न डालें. ऐसा करने से लक्ष्मी मां नाराज हो जाती हैं. 

लक्ष्मी पूजा करते समय कोशिश करें कि दीपक की ज्योत लाल रंग की हो. इसके अलावा दीए को भूलकर भी मां लक्ष्मी के बाईं ओर ना रखें, बल्कि दाईं ओर रखें, क्योंकि भगवान विष्णु को दुनिया में रोशनी फैलाने का प्रतीक माना जाता है और मां लक्ष्मी विष्णु भगवान की पत्नी हैं इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा करते समय दीपक को हमेशा मां के दाईं और ही रखें.

मां लक्ष्मी सुहागिन हैं इसलिए  भूलकर भी उन्हें सफेद रंग के फूल ना चढ़ाएं. लक्ष्मी मां की पूजा करते समय मां को केवल लाल और गुलाबी रंग के ही फूल चढ़ाएं.

लक्ष्मी मां की मूर्ति को भूलकर भी सफेद रंग की दरी पर ना रखें. साथ ही पूजा करते समय सफेद या काले रंग की किसी भी तरह की वस्तु को इस्तेमाल करने से बचें.
 
लक्ष्मी मां की पूजा के बाद प्रसाद को मंदिर के दक्षिण तरफ रखें. दिवाली का जश्न मनाने से पहले घर के सभी लोग एक साथ मिलकर लक्ष्मी मां और गणेश जी की पूजा करें और प्रसाद जरूर ग्रहण करें. 

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लक्ष्मी पूजा के मंत्र (Diwali Laxami Puja Mantra)

- महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार  बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा बनी रहेगी. 


-“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥”
“ॐ गं गणपतये नमः॥” 

 

दिवाली लक्ष्मी पूजा के उपाय (Diwali Laxami Puja Ke Upay)

दिवाली का महाउपाय- दिवाली मध्य रात्रि को रात 11 से 1 बजे के बीच लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें. एक मुख का बड़ा सा घी का दीपक जलाएं. पूर्व दिशा की और मुख करके पूजा की शुरुआत करें. मंत्र जाप के लिए स्फटिक या रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें.

 धन प्राप्ति का उपाय-  दिवाली की रात को एक भोजपत्र या पीला कागज लें. यह भोजपत्र या कागज का टुकड़ा चौकोर होना चाहिए. इस पर नई लाल कलम से एक मंत्र लिखें. मंत्र होगा "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ". इसे मां लक्ष्मी को अर्पित करें. इसके बाद इसी मंत्र का ग्यारह माला जप करें. मंत्र जप के बाद इस भोजपत्र या कागज को अपने धन स्थान पर रख दें. चाहें तो इसे अपने पर्स में भी रख सकते हैं.

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कर्ज से मुक्ति पाने का उपाय- हनुमान जी की नारंगी रंग की मूर्ति ले आएं. इनके सामने चमेली का एक मुखी दीपक जलायें. इसके बाद इनको एक ताम्बे का छेद वाला सिक्का भी अर्पित करें. अब एक विशेष मन्त्र का कम से कम 11 माला जप करें. मंत्र होगा - "ॐ नमो हनुमते भयभञ्जनाय सुखम कुरु फट स्वाहा." मंत्र जप के बाद धन लाभ और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें.

 

 

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