गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. सनातन धर्म में गंगा को सिर्फ नदी नहीं बल्कि मां का दर्जा प्राप्त है. गंगा को अति पवित्र माना जाता है जिस कारण गंगा दशहरा के पर्व का खास महत्व होता है. गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब है गंगा का अवतरण. गंगा दशहरा के दिन स्नान और दान का काफी महत्व होता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करना काफी शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं गंगा दशहरा की डेट, पूजा विधि और महत्व
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त और तिथि (Ganga Dussehra 2022 Date & Shubh Muhurat)
गंगा दशहरा गुरुवार, जून 9, 2022 को
दशमी तिथि प्रारम्भ - जून 09, 2022 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर
दशमी तिथि समाप्त - जून 10, 2022 को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर
हस्त नक्षत्र प्रारम्भ - जून 09, 2022 को सुबह 04 बजकर 31 मिनट पर
हस्त नक्षत्र समाप्त - जून 10, 2022 को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर
गंगा दशहरा पूजा विधि (Ganga Dussehra Puja Vidhi)
गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगानी चाहिए. आप किसी तालाब या अपने आस-पास स्थित नदी में भी डुबकी लगा सकते हैं. स्नान करते समय ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें. गंगा स्नान के बाद ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ मंत्र का जाप करते हुए हवन करें. अगर आप घर पर हैं तो इस दिन नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.
गंगा दशहरा के दिन गरीब और जरूरमंद लोगों को दान करना काफी शुभ माना जाता है. गंगा दशहरा के दिन दान में दी जाने वाली चीजों की संख्या 10 होनी चाहिए साथ ही पूजा में आप जिन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं वह भी 10 होनी चाहिए जैसे तरह के 10 फल और 10 तरह के फूल.
गंगा दशहरा महत्व (Ganga Dussehra Importance)
गंगा दशहरा के पर्व को सनातन धर्म में धरती पर मां गंगा के आगमन की तिथि के तौर पर मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी. मान्यता है कि गंगा दशहरा के पर्व से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं.