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Guru Tegh Bahadur Jayanti 2021: कैसे त्यागमल बने गुरु तेग बहादुर सिंह? जानें उनसे जुड़ीं 5 खास बातें

Guru Tegh Bahadur Singh ने धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांत की रक्षा के लिए अपने प्राण की आहुति दे दी. सिख धर्म में उनके बलिदान को बड़ी ही श्रद्धा से याद किया जाता है.

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Guru Teg Bahadur Jayanti 2021: कैसे 14 साल का त्यागमल बना गुरु तेग बहादुर सिंह? जानें 5 खास बातें
Guru Teg Bahadur Jayanti 2021: कैसे 14 साल का त्यागमल बना गुरु तेग बहादुर सिंह? जानें 5 खास बातें
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बैसाख कृष्ण पंचमी को जन्मे थे गुरु तेग बहादुर सिंह
  • 14 साल की उम्र में पिता के साथ मुगलों से जंग

Guru Teg Bahadur Jayanti 2021: गुरु तेग बहादुर सिंह सिख समुदाय के नौवें गुरु हैं और आज उनकी जयंती मनाई जा रही है. विश्व इतिहास में धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांत की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण की आहुति दे दी. सिख धर्म में उनके बलिदान को बड़ी ही श्रद्धा से याद किया जाता है. गुरु तेग बहादुर सिंह का जन्म बैसाख कृष्ण पंचमी को पंजाब के अमृतसर में हुआ था.

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गुरु तेग बहादुर सिंह का बचपन का नाम त्यागमल बताया जाता है. उन्होंने मात्र 14 साल की उम्र में अपने पिता के साथ के मिलकर मुगलों के खिलाफ जंग लड़ी थी. 24 नवंबर 1675 को भीड़ के सामने उनकी हत्या कर दी गई. आइए गुरु तेग बहादुर की इस जयंती पर आपको उनके बारे में 5 खास बातें बताते हैं.

1. कश्मीर में हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाने के वे सख्त विरोधी रहे और खुद भी इस्लाम कबूलने से मना कर दिया. औरंगजेब के आदेश पर उनकी हत्या कर दी गई.

2. पिता ने उन्हें त्यागमल नाम दिया था, लेकिन मुगलों के खिलाफ युद्ध में बहादुरी की वजह से वे तेग बहादुर के नाम से मशहूर हो गए. तेग बहादुर का मतलब होता है तलवार का धनी.

3. दिल्ली का मशहूर गुरुद्वारा शीश गंज साहिब जहां है, उसी स्थान पर उनकी हत्या की गई थी और उनकी अंतिम विदाई भी यहीं से हुई थी. वो जगह आज रकाबगंज साहिब के नाम से जानी जाती है.

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4. साल 1665 में उन्होंने आनंदपुर साहिब शहर बनाया और बसाया. वह गुरुबाणी, धर्म ग्रंथों के साथ-साथ शस्त्रों और घुड़सवारी में भी प्रवीण थे.

5. उन्होंने 115 शबद भी लिखे, जो अब पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का हिस्सा हैं.

 

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