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Kumbh 2021: महाकुंभ हुआ शुरू, 83 साल में पहली बार ऐसा संयोग, जानें शाही स्नान के दिन-तारीख

भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी इसका आयोजन किया जाता है. हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार हरिद्वार में यह 12 साल की बजाय 11वें साल में आयोजित हुआ है.

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CREDIT: Ashutosh Mishra/India Today
CREDIT: Ashutosh Mishra/India Today
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस बार 4 शाही स्नान होंगे और इसमें 13 अखाड़े भाग लेंगे
  • 1760, 1885 और 1938 में बना था ऐसा संयोग

हरिद्वार में कुंभ मेला आज से शुरू हो गया है. 30 अप्रैल तक चलने वाले कुंभ मेले में जाने के लिए श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है. भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी इसका आयोजन किया जाता है. हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार हरिद्वार में यह 12 साल की बजाय 11वें साल में आयोजित हुआ है.

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CREDIT: Ashutosh Mishra/India Today

दरअसल अमृत योग का निर्माण काल गणना के अनुसार होता है. जब कुंभ राशि का गुरु आर्य के सूर्य में परिवर्तित होता है. यानी गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसलिए इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा है. 83 वर्षों की अवधि के बाद, इस वर्ष यह अवसर आ रहा है. इससे पहले, इस तरह की घटना वर्ष 1760, 1885 और 1938 में हुई थी.

CREDIT: Ashutosh Mishra/India Today

इस वर्ष भी कुंभ मेले के दौरान पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए लाखों भक्त इकट्ठे हो सकते हैं. हालांकि महामारी से निपटने के लिए सरकार ने सख्त गाइडलाइंस भी जारी की हैं. कुंभ में इस बार 4 शाही स्नान होंगे और इसमें 13 अखाड़े भाग लेंगे. इन अखाड़ों से झांकी निकाली जाएंगी. इस झांकी में सबसे आगे नागा बाबा होंगे और महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर नागा बाबाओं का अनुसरण करेंगे.

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CREDIT: Ashutosh Mishra/India Today

शाही स्नान की तिथियां
सोमवती अमावस्या (शाही स्नान) – अप्रैल 12, 2021
बैसाखी (शाही स्नान) – अप्रैल 14, 2021
राम नवमी (स्नान) – अप्रैल 21, 2021
चैत्र पूर्णिमा (शाही स्नान) – अप्रैल 27, 2021

 

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