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Hariyali Teej 2022 Date: कब है हरियाली तीज, नोट कर लें तिथि और पूजन सामग्री

Hariyali Teej 2022: सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है. हरियाली तीज नाग पंचमी से दो दिन पहले आती है. हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत रखती हैं और सोलह श्रंगार करती है. हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है.

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कब है हरियाली तीज, नोट कर लें तिथि और पूजन सामग्री
कब है हरियाली तीज, नोट कर लें तिथि और पूजन सामग्री

हरियाली तीज का त्योहार भागवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखी विवाहित जीवन की कामना करती हैं. हरियाली तीज नाग पंचमी के दो दिन पहले यानी श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है. हरियाली तीज सावन के महीने में आती है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की अराधना करना काफी शुभ माना जाता है. हरियाली तीज को छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है. तो आइए जानते हैं हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त पूजन सामग्री और विधि.

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हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2022 Shubh Muhurat)

तृतीया तिथि प्रारम्भ - जुलाई 31, 2022 को सुबह 02 बजकर 59 मिनट पर शुरू
तृतीया तिथि समाप्त - अगस्त 01, 2022 को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर खत्म 

हरियाली तीज पूजन सामग्री (Hariyali Teej Pujan Samagri)

केले के पत्ते, बेल पत्र, धतूरा, अंकव पेड़ के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, काले रंग की गीली मिट्टी, जनेऊ, धागा और नए वस्त्र. माता पार्वती जी के श्रृंगार के लिए चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग पूड़ा, कुमकुम और कंघी. इसके अलावा पूजा में नारियल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत.

हरियाली तीज पूजन विधि (Hariyali Teej Pujan Vidhi)

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त पर उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहन लें. 

मंदिर की अच्छे से सफाई करें और एक चौकी रखें. 

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चौकी को गंगाजल से साफ कर लें.

चौकी पर सफेद या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.

मिट्टी से भगवान शिव,पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाएं. आप चाहे तो फोटो का भी रख सकती हैं. 

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से पहले भगवान गणेश का आह्वान करें. 

माता पार्वती को श्रृंगार का सारा सामान अर्पित करें. 

फिर भगवान शिव को  भांग, धतूरा, अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं.

इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनें और फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें. 

इसके बाद भगवान को भोग लगाएं.

 

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