भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव इस बार 25 अगस्त दिन गुरुवार को पड़ रहा है. इस बार की कृष्ण जन्माष्टमी इसलिए खास है क्योंकि यह अष्टमी और उनके जन्म नक्षत्र रोहिणी के पावन संयोग में मनेगा. पूरे 52 साल बाद ऐसा पावन संयोग बन रहा है. ग्रहों के विशेष संयोग के साथ भगवान का जन्मोत्सव मनेगा. ऐसा योग 52 साल पहले 1958 में बना था.
24 अगस्त, बुधवार की रात्रि 10.13 बजे से अष्टमी तिथि का आगमन हो होगा. इस वजह से तिथि काल मानने वाले बुधवार को भी जन्मोत्सव मना सकते हैं लेकिन गुरुवार को उदया काल की तिथि में व्रत जन्मोत्सव मनाना शास्त्रसम्मत रहेगा. अष्टमी तिथि 25 अगस्त को रात्रि 8.13 बजे तक रहेगी. इससे पूरे समय अष्टमी तिथि का प्रभाव रहेगा. इस बार
श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व 52 साल बाद अनूठा संयोग लेकर आ रहा है जब
माह, तिथि, वार और चंद्रमा की स्थिति वैसी ही बनी है, जैसी कृष्ण जन्म के
समय थी.
इसके साथ ही मध्यरात्रि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के समय रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग रहेगा. इससे कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के समय बनने वाले संयोगों के साथ विशेष फलदायी रहेगी.