विजयादशमी कहें या दशहरा, ये अश्विन माह के दसवें दिन मनाया जाता है. नौ दिवसीय मां दुर्गा के नवरात्रों का दशहरे के दिन ही समापन होता है. रावण दहन के साथ ही यह त्योहार समाप्त हो जाता है.
कहा जाता है कि विजयादशमी सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि यह प्रतीक है झूठ पर सच्चाई की जीत का, साहस का, नि:स्वार्थ सहायता का और मित्रता का. बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है, इस बात को समझाने के लिए दशहरे के दिन रावण के प्रतीकात्मक रूप का दहन किया जाता है.
अगर सामाजिक तौर पर इस पर्व के महत्तव की बात करें, तो ये पर्व खुशी और सामाजिक मेल-जोल का प्रतीक है. चूंकि रावण के साथ लड़ाई के वक्त शस्त्रों का भी इस्तेमाल हुआ था, इसलिए दशहरे को शस्त्र पूजा का साथ भी जोड़ा जाता है.
दशहरे के दिन लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ किसी सार्वजनिक स्थल पर एकजुट होकर खुशियां मनाते है. कुल मिलाकर इस पर्व का मूल उद्देश्य परिवार और अपनों के साथ समय बिताना होता है.