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Kalashtami 2024: पौष मास की कालाष्टमी आज, जानें व्रत की पूरी विधि और पूजन का शुभ मुहूर्त

Kalashtami 2024: कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की उपासना की जाती है. इस दिन काल भैरव की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन से सारी परेशानियां दूर होती हैं, हर प्रकार के भय से छुटकारा मिलता है और सुख-साधनों में बढ़ोतरी होती है.

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कालाष्टमी 2024
कालाष्टमी 2024

Kalashtami 2024: कालाष्टमी को काल अष्टमी के नाम से जाना जाता है. यह दिन भगवान काल भैरव के लिए बहुत ही खास माना जाता है और इसी दिन भगवान शिव की भी उपासना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है और आज कालाष्टमी का व्रत रखा जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से घर में फैली हुई सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है. 

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कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtami 2024 Shubh Muhurat)

कालाष्टमी की अष्टमी तिथि 22 दिसंबर यानी आज दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 23 दिसंबर को शाम 5 बजकर 07 मिनट पर होगा. 

कालाष्टमी पूजन विधि (Kalashtami Pujan Vidhi)

इस दिन भगवान शिव के काल भैरव रूप की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शिव या भैरव मंदिर में जाकर पूजा करें. शाम के समय शिव और पार्वती और भैरव जी की पूजा करें. क्योंकि भैरव को तांत्रिकों का देवता माना जाता है इसलिए इनकी पूजा रात में भी की जाती है. काल भैरव की पूजा में दीपक, काले तिल, उड़द और सरसों के तेल को अवश्य शामिल करें. व्रत पूरा करने के बाद काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं.

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कालाष्टमी व्रत का महत्व (Kalashtami Significance) 

काल-भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं, ऐसे में कहा जाता है कि जो कोई भी भक्त इस दिन सच्ची निष्ठा और भक्ति से काल भैरव की पूजा करता है, भगवान शिव उस इंसान के जीवन से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालकर उसको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. 

कालाष्टमी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम (Kalashtami Dos and Donts) 

- कालाष्टमी के दिन शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. साथ ही, मांसाहारी भोजन से भी दूर रहना चाहिए. 

- इस दिन अहंकार ना दिखाएं, बुजुर्गों का अनादर ना करें और महिलाओं से अपशब्द ना बोलें. 

- इस दिन नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. 

- इस दिन किसी भी जानवर को परेशान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से काल भैरव नाराज होते हैं. 

- अपने माता-पिता और गुरुओं को अपमानित ना करें.

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