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Karwa Chauth 2021: देशभर में चांद का हुआ दीदार, सुहागिनों ने तोड़ा करवा चौथ का व्रत

Karwa Chauth 2021 Moon Rise Time: देशभर में रविवार को करवा चौथ का त्योहार मनाया गया. सुबह से ही सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा, जिसे शाम को चांद को देखकर तोड़ा.

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Karwa Chauth 2021 Moon Rise Time
Karwa Chauth 2021 Moon Rise Time
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देशभर में आज मनाया जा रहा करवा चौथ
  • यूपी-असम समेत कुछ राज्यों में हुआ चांद का दीदार

Karwa Chauth 2021 Moon Rise Time: देशभर में रविवार को करवा चौथ का त्योहार मनाया गया. सुबह से ही सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा, जिसे शाम को चांद को देखकर तोड़ा. दिल्ली-एनसीआर में बारिश होने की वजह से मौसम अचानक बदल गया, जिसका असर करवा चौथ पर दिखने वाले चंद्रमा पर भी पड़ा. कई महिलाओं ने वीडियो और तस्वीरों पर चंद्रमा के दर्शन किए.

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देशभर में चांद का दीदार करने के बाद महिलाओं का करवा चौथ का त्योहार पूरा हुआ. यूपी समेत कई अन्य राज्यों में करवा चौथ के अवसर पर चंद्रमा का देर शाम को दीदार हुआ. एक-एक करके देशभर के सभी राज्यों और शहरों में चांद दिखाई दिया. असम के गुवाहाटी में भी लोगों को चांद का दीदार करने का मौका मिला. व्रती महिलाओं ने चांद को देखकर पहले पूजा अर्चना की और फिर व्रत तोड़ा.

करवा चौथ की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत शाम 06:55 मिनट से 08:51 तक था. ज्योतिष की मानें तो कार्तिक माह की चतुर्थी को मनाए जाने वाले करवा चौथ में शुभ मुहूर्त का विशेष स्थान होता है. इस बार रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ की पूजा हो रही है. माना जाता है कि विशेष मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से व्रत रखने वाली महिलाओं की कामना पूरी होती है.  

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यूं तो अलग-अलग राज्यों में चंद्रमा अलग-अलग समय पर निकलता है, लेकिन इसके बीच का अंतर ज्यादा नहीं होता है. ऐसे में माना जा रहा है कि जहां-जहां मौसम साफ है वहां पर भी चंद्रमा या तो दिखाई देने लगा होगा या फिर कुछ देर में दिखाई दे जाएगा.

करवा चौथ के लिए कैसी होनी चाहिए पूजा की थाली?

व्रत रखने वाली महिलाओं को सालभर तक करवा चौथ के त्योहार का बेसब्री से इंतजार होता है. वह वक्त आज आ भी गया. महिलाओं ने सुबह से ही पति के लिए व्रत रखा हुआ था, जिसे चंद्रमा के दिखाई देने के बाद तोड़ दिया. इस दिन पूजा की थाली का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. इसके लिए आठ पूरियों की अठावरी और हलुवा बनाएं. पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बिठाएं. गौरी को चुनरी ओढ़ाएं. बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें.

इसके बाद गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा बनाकर भर दें. उसके ऊपर दक्षिणा रखें. रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं. गौरी-गणेश की परंपरानुसार पूजा करें. पति की दीर्घायु की कामना करें. करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें. कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सांस के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें. रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्ध्य दें. इसके बाद पति से आशीर्वाद लें. उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें.

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