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Karwa Chauth 2021: करवा चौथ की पूजा के बाद ऐसे खोलें व्रत, भूलकर भी न करें ये 8 गलतियां

Karwa Chauth 2021: पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनों ने आज करवा चौथ का व्रत रखा है. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होगा. करवा चौथ की पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ने में जल्दबाजी न करें.

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करवा चौथ की पूजा के बाद ऐसे तोड़े व्रत
करवा चौथ की पूजा के बाद ऐसे तोड़े व्रत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • व्रत तोड़ने में न करें जल्दबाजी
  • प्याज-लहसुन भूलकर भी न खाएं

Karwa Chauth 2021: पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनों ने आज करवा चौथ का व्रत रखा है. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होगा. करवा चौथ की पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ने में जल्दबाजी न करें. व्रती महिलाएं अक्सर कुछ गलतियां कर जाती हैं, जिनसे बचना चाहिए. आइए आपको बताते हैं कि किस तरह करवा चौथ के व्रत का पारण करना है. क्या नियम हैं...

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इस तरह करें व्रत का पारण 
1. करवा चौथ की पूजा करने के बाद चांद को अर्घ्य दें, जिसके बाद अपने पति के हाथों से पानी पीकर ही व्रत तोड़ें. 
2. जिन महिलाओं के पति उनसे दूर हैं, वे अपने पति की फोटो को सामने रखकर पानी पीकर व्रत का पारण कर सकती हैं. 
3. व्रत के बाद करवा चौथ की पूजा में चढ़ाई गईं हलवा-पूड़ी, मिष्ठान का ही सेवन करें. 
4. भूलकर भी आज के दिन प्याज-लहसुन या मांसाहार नहीं खाना चाहिए. 
5. निर्जला व्रत रहने के बाद तुरंत ही भोजन न करें. पहले नारियल पानी या जूस पिएं. 
6. व्रत के पारण के दौरान व्रती महिलाएं पंडित को दान करना ना भूलें. 
7. पूजा के बाद पति के अलावा घर में जितने भी बड़े लोग हैं, उनका आशीर्वाद जरूर लें. 
8. करवा चौथ की पूजा के दौरान श्रृंगार की जिन चीजों को रखा था, उन्हें अपनी सुहागिन बहन, ननद या जिठानी को दें. 

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व्रत पारण का सही समय 
करवा चौथ की पूजा के बाद व्रत तोड़ने में जल्दबाजी न करें. करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 06:55 से लेकर 08:51 तक है. इसके बाद व्रत पारण करना सही रहेगा. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथों से जल पिएं. 

छलनी से क्यों देखा जाता है चांद
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार चौथ का चांद देखना वर्जित होता है. चौथ का चांद देखने से मिथ्या आरोप लग सकता है या फिर कहें कि कोई झूठा आरोप लग सकता है. वहीं करवा चौथ भी चौथ की ही तिथि है. यही कारण है कि चांद को इस दिन खाली देखने की बजाए किसी वस्तू (छलनी) का इस्तेमाल करके देखा जाता है.


 

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