देवी भगवती का यह सातवां स्वरूप अनंत है. व्यापक है. कालरात्रि अर्थात् काल को जीतने वाली. जन्म, पालन और काल. देवी के तीन स्वरूप. मृत्यु न हो तो क्या हो?
सृष्टि संयोजन और संचालन इन्हीं देवी काली की कृपा का फल है. जिन वस्तुओं और प्राणियों से जीव दूर भागता है, वह काली मां को प्रिय है. एक बार शिव ने देवी को काली कह दिया. इस कारण उनका नाम काली पड़ गया. माता काली की पूजा से सब कुछ सिद्ध होता है.
असुरों का नाश करने वाली मां काली की आराधना जितनी सरल है उतनी ही कठिन भी. वह महामाया के साथ पूजी जाएं तो फल दुगुना हो जाता है.
उनकी पूजा का सिद्ध मंत्र है:
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊँ कालरात्रि माता दैव्ये नम: