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Magh Purnima 2021: माघ पूर्णिमा पर बन रहा शुभ संयोग, जानें इस दिन स्नान और व्रत का महत्व

इस दिन जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है. माघ पूर्णिमा पर इस बार शनि और गुरु का संयोग रहेगा. सूर्य और शुक्र का संयोग भी बना रहेगा.

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Magh Purnima 2021: माघ पूर्णिमा पर बन रहा शुभ संयोग, जानें इस दिन स्नान और व्रत का महत्व
Magh Purnima 2021: माघ पूर्णिमा पर बन रहा शुभ संयोग, जानें इस दिन स्नान और व्रत का महत्व
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस बार रहेगा शनि और गुरु का संयोग
  • 27 फरवरी को पड़ रही है माघ पूर्णिमा

Magh Purnima 2021: पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं. इस तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है. सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस दिन जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है. माघ पूर्णिमा पर इस बार शनि और गुरु का संयोग रहेगा. सूर्य और शुक्र का संयोग भी बना रहेगा. माघ पूर्णिमा पर स्नान से पुण्य के अलावा अमृत तत्व भी मिल सकता है. इस बार माघ पूर्णिमा 27 फरवरी को पड़ रही है.

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किस प्रकार करें आज स्नान?
प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें. फिर नियम और तरीके से स्नान करें. स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. साफ वस्त्र या सफेद वस्त्र धारण करें, फिर मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप के पश्चात अपनी आवश्यकतानुसार दान करें. चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं.

नौ ग्रहों के लिए किस प्रकार नौ दान करें?
सूर्य के कारण ह्रदय रोग और अपयश की समस्या होती है. इसके निवारण के लिए गुड़ और गेंहू का दान करें. चन्द्रमा के कारण मानसिक रोग और तनाव के योग बनते हैं. इससे बचने के लिए जल, मिसरी या दूध का दान करें. मंगल के कारण रक्त दोष और मुकदमेबाजी की समस्या होती है. इससे बचने के लिए मसूर की दाल का दान करें.

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बुध के कारण त्वचा और बुद्धि की समस्या हो जाती है. इसके निवारण के लिए हरी सब्जियों और आंवले का दान करना चाहिए. बृहस्पति के कारण मोटापा, पाचन तंत्र और लिवर की समस्या हो जाती है. इसके निवारण के लिए केला, मक्का और चने की दाल का दान करें. शुक्र के कारण मधुमेह और आंखों की समस्या होती है. इसके निवारण के लिए घी, मक्खन और सफेद तिल आदि का दान करना चाहिए.

शनि के कारण स्नायु तंत्र और लम्बी बीमारियां हो जाती हैं. इसके निवारण के लिए काले तिल और सरसों के तेल का दान करना चाहिए. राहु-केतु के कारण विचित्र तरह के रोग हो जाते हैं. इसके निवारण के लिए सात तरह के अनाज , काले कम्बल और जूते चप्पल का दान करें.

 

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