रक्षाबंधन का पर्व 29 अगस्त को मनाया जाना है. हर ओर इसकी तैयारियां जोरों से चल रही हैं. तरह-तरह की सुंदर राखियों से बाजार पटे पड़े हैं.
बहनें भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांधने के लिए खरीदारी में व्यस्त हैं. बाजार में तरह-तरह की मनमोहक राखियां उपलब्ध हैं. लोग अपनी पसंद और क्षमता के अनुसार इनकी खरीदारी कर रहे हैं.
दूसरी तरफ स्कूलों में भी बहनें अपने हाथों से बनाई राखियां भाइयों की कलाई में बांधने में व्यस्त हैं. रक्षाबंधन में अभी सिर्फ एक दिन का वक्त रह गया है.
इस साल भी 'भद्रा' का चक्कर
ज्योतिषाचार्य पं. आनंद तिवारी का कहना है कि भद्रा पर शुभ कार्य नहीं किए जाते. भद्रा में यात्रा, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षाबंधन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से है. उन्होंने बताया कि इस साल दोपहर 1.40 तक भद्रा के कारण भाइयों की कलाइयां दोपहर बाद सजेंगी.
वैसे राखी की खरीदारी कुछ सप्ताह पहले से ही शुरू है. जो बहनें मायके नहीं आ सकती हैं या जिनके भाई को छुट्टी नहीं मिल सकती है, उन्हें राखी भेजने का काम बहनें पहले से ही कर रही हैं.
इनपुट: IANS