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Masik Shivratri 2021 Date: मासिक शिवरात्रि पर बन रहा शुभ संयोग, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

Masik Shivratri 2021 Date: आसानी से प्रसन्न होने वाले भगवान शिव वैसे तो अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का पूजन किया जाता है, लेकिन मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.

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Masik Shivaratri 2021 Date
Masik Shivaratri 2021 Date
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस माह सोमवार को रखा जाएगा शिवरात्रि व्रत
  • विधि-विधान से करें भगवान शिव की पूजा

Masik Shivratri 2021 Date: भगवान शिव की आराधना के लिए पवित्र समय मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, वहीं महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार मनाते हैं. इस माह ये पर्व 4 अक्टूबर 2021 दिन सोमवार को है. मासिक शिवरात्रि पर सोमवार का दिन होने की वजह से ये शुभ मानी जा रही है. इस दिन पूजा और व्रत करने से जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होगा. 

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मासिक शिवरात्रि का महत्व
आसानी से प्रसन्न होने वाले भगवान शिव वैसे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का पूजन किया जाता है, लेकिन मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि मासिक शिवरात्रि पर उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. कन्याओं द्वारा इस दिन व्रत को किए जाने पर उन्हें इच्छा अनुसार वर मिलता है और उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं. 

मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
4 अक्टूबर 2021 दिन सोमवार को पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि पर रात 09 बजकर 05 मिनट पर चतुर्दशी की तिथि प्रारंभ होगी और 05 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को शाम 07 बजकर 04 मिनट पर समापन होगा. इस समय में पूजा करना शुभ रहेगा. 

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इस तरह रखें व्रत और करें पूजा 
भगवान शि​व की आराधना और व्रत के लिए कोई भी समय शुभ है, लेकिन मान्यता ये है कि मासिक शिवरात्रि के व्रत की शुरुआत महाशिवरात्रि के दिन व्रत करने से करनी चाहिए. मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजन के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें, उसके बाद मंदिर में जाकर शिव परिवार की पूजा करें. सर्वप्रथम शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें. रुद्राभिषेक से शिव जी अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं. इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. इसके बाद धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजन करें. शाम के समय फलहार करें. ध्यान रखें की इसके बाद रात के समय 12 बजे के बाद भगवान शिव का पूजन करें. पूजा के समय श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी करें. ऐसा करने से उपासक की आर्थिक परेशानी दूर होती हैं.

 

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