हिंदू पंचाग में हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि के बारे में बताया गया है. इस दिन भगवान शिव की आराधना कर आप महावरदान की प्राप्ति कर सकते हैं. इस महीने की मासिक शिवरात्रि 10 अप्रैल यानी आज मनाई जा रही है. मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का बहुत महत्व होता है. शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है. शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. शिव चालीसा की 40 पंक्तियां सरल शब्दों में विद्यमान है जिनकी महिमा बहुत ही ज्यादा है.
भोले स्वभाव के होने के कारण भगवान भोलेनाथ शिव चालीसा के पाठ से आसानी से मान जाते हैं और भक्त को मनचाहा वरदान दे देते है. शिव चालीसा का पाठ करने वालों के सभी भय खत्म हो जाते है.
शिव चालीसा के पाठ की सरल विधि क्या है?
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठें. पूजन में सफेद चंदन/चावल/कलावा/धूप-दीप पीले फूलों की माला और हो सके तो सफेद आक के 11 फूल भी रखे और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें.
पाठ करने से पहले धूप दीप जलायें और एक लोटे में शुद्ध जल भरकर रखें. भगवान शिव की शिवचालिसा का तीन या पांच बार पाठ करें. शिव चालीसा का पाठ बोल बोलकर करें जितने लोगों को यह सुनाई देगा उनको भी लाभ होगा. पाठ पूरा हो जाने पर लोटे का जल सारे घर मे छिड़क दें. थोड़ा सा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में खाएं और बच्चों में भी बाट दें
शिव चालीसा से ढेरों फायदे
मन का भय यदि है तो निम्न पंक्ति पढ़ें
जय गणेश गिरीजा सुवन' मंगल मूल सुजान.
कहते अयोध्या दास तुम' देउ अभय वरदान.
इस पंक्ति को 11 बार सुबह भगवान शिव के सामने पड़े. ऐसा लगातार 40 दिन तक करने से लाभ होगा
दुखों और परेशानी ने यदि घेर लिया है तो निम्न पंक्ति पढ़ें
देवन जबहिं जाय पुकारा' तबहिं दुख प्रभु आप निवारा.
इस पंक्ति को 27 बार रात्रि में पढ़ कर सोएं और कार्य सिद्ध हो जाने पर निर्धन लोगों को सफेद मिठाई जरूर बाटें.
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा' जीत के लंक विभीषण दीन्हा.
इस पंक्ति को 13 बार शाम के समय पढ़ें. ऐसा लगातार 27 दिन जरूर करें.
मनोवांछित फल के लिए
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर' भई प्रसन्न दिए इच्छित वर.
इस पंक्ति को मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए सुबह के समय 54 बार पाठ करें. ऐसा आपको 21 दिन करना है.