Mokshada Ekadashi 2023: साल की आखिरी एकादशी आने वाली है. यह मोक्षदा एकादशी है, जो 22 दिसंबर को मनाई जाएगी. मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है. इसे मोक्ष प्राप्ति का दिन कहा जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इस दिन पूजा उपासना से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन किए गए दान का कई गुना फल मिलता है. इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 22 दिसंबर को रखा जाएगा. आइए आपको मोक्षदा एकादशी के नियम और पूजन विधि बताते हैं.
मोक्षदा एकादशी के नियम
मोक्षदा एकादशी से एक दिन पहले की शाम सूर्यास्त के बाद भोजन न करें. रात में भगवान का ध्यान करके ही सोएं या मंत्र जाप करके सोएं. एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो मन शांत और स्थिर रखें. गुस्से या बदले की भावना मन में ना लाएं. इस दिन भूलकर भी इस दिन किसी की बुराई ना करें.
मोक्षदा एकादशी के दिन भी भोजन ग्रहण न करें. शाम की पूजा के बाद फल खा सकते हैं. मोक्षदा एकादशी का व्रत न भी रखें तो कम से कम चावल से परहेज करें. इस दिन रात के समय जागरण जरूर करें. भजन-कीर्तन करें. फिर द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद ही खाना खाएं.
मोक्षदा एकादशी की पूजन विधि विधि
मोक्षदा एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह ही स्नान करके सूर्य देवता को अर्घ्य दें. इसके बाद पीले कपड़े पहनकर भगवान कृष्ण की पूजा करें. श्रीकृष्ण को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. इसके बाद भगवान कृष्ण के मन्त्रों का जाप करें या फिर गीता का पाठ करें. इस दिन किसी गरीब को कपड़े या अन्न का दान करें. इस दिन निर्जल उपवास रखना सर्वोत्तम होता है.
एकादशी का व्रत न रख पाएं तो क्या करें?
मोक्षदा एकादशी के नियमों के अपनाकर आप भगवान विष्णु के स्वरूप श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करेंगे तो इसका विशेष लाभ मिलेगा है. यदि किसी कारणवश आप इस एकादशी पर व्रत नहीं रख पाएं हैं तो इस दिन अन्न से परहेज करें और ज्यादा से ज्यादा समय ईश्वर की उपासना में लगाएं.