Navratri 2021 Maha Ashtami date: नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा विशेष कल्याणकारी मानी जाती है. आदि शक्ति मां दुर्गा की परम कृपा प्राप्त करने के लिए नवरात्रि का समय बेहद शुभ होता है. नवरात्रि में अष्टमी (Maha Ashtami 2021) और नवमी तिथि (Maha Navami 2021 date) का खास महत्व होता है. इन दोनों दिन लोग कन्या पूजन भी करते हैं. इस दिन मिट्टी के नौ कलश रखे जाते हैं और देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान कर उनका आह्वान किया जाता है. आइए जानते हैं कि अष्टमी-नवमी कब है और इस दिन किस शुभ मुहूर्त में मां की आराधना की जा सकेगी.
अष्टमी तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त (Ashtami Date and Shubh Muhurt)
अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर रात 9 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर रात्रि 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगी. अष्टमी तिथि मानने वाले लोग 13 अक्टूबर को बुधवार के दिन व्रत रखेंगे और कन्या पूजन करेंगे. इस दिन अमृत काल सुबह 3 बजकर 23 मिनट से सुबह 4 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. वहीं ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 48 मिनट से शुरु होकर 5 बजकर 36 मिनट तक है. चौघड़िया का समय इस प्रकार है.
दिन का चौघड़िया (Din ka Choghadiya)
लाभ – 06:26 AM से 07:53 PM तक
अमृत – 07:53 AM से 09:20 PM तक
शुभ – 10:46 AM से 12:13 PM तक
लाभ – 16:32 AM से 17:59 PM तक
रात का चौघड़िया (Raat ka Choghadiya)
शुभ – 19:32 PM से 21:06 PM तक
अमृत – 21:06 PM से 22:39 PM तक
लाभ – 03:20 PM से 04:53 PM तक
नवमी तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त (Navami Date and Shubh Muhurt)
नवमी तिथि 13 अक्टूबर रात 8 बजकर 7 मिनट से लेकर 14 अक्टूबर शाम 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. नवमी मानने वाले लोग गुरुवार, 14 अक्टूबर को पूजन करेंगे. इस दिन पूजा का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. अमृत काल सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है जबकि ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 49 मिनट से 5 बजकर 37 मिनट तक है. चौघड़िया का समय इस प्रकार है.
दिन का चौघड़िया (Din ka Choghadiya)
शुभ – 06:27 AM से 07:53 PM तक
लाभ – 12:12 PM से 13:39 PM तक
अमृत – 13:39 PM से 15:05 PM तक
शुभ – 16:32 PM से 17:58 PM तक
रात का चौघड़िया (Raat ka Choghadiya)
अमृत– 17:58 PM से 19:32 PM तक
लाभ – 00:13 PM से 01:46 PM तक
शुभ – 03:20 PM से 04:54 PM तक
अमृत – 04:54 PM से 06:27 PM तक
अष्टमी-नवमी तिथि में संधि पूजा का महत्व- अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट के समय को संधि क्षण या काल (Sandhi Puja 2021) कहते हैं. संधि काल का ये समय दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि संधि काल में ही देवी दुर्गा ने प्रकट होकर असुर चंड और मुंड का वध किया था. इस समय माता रानी को विशेष भोग लगाने की परंपर है. संधि काल के समय 108 दीपक जलाये जाते हैं.