scorecardresearch
 

नवरोज मुबारक, पारसियों का नया साल शुरू...

पारसी समुदाय का नया साल आरंभ हो गया है. आप भी जानिए इससे जुड़ी हर बात...

Advertisement
X
सेलिब्रेशन शुरू
सेलिब्रेशन शुरू

Advertisement

पारसी समुदाय नवरोज मना रहा है. नवरोज का अर्थ है ईरानी कैलेंडर के पहले महीने का पहला दिन. नवरोज पर पारसी परिवार के सदस्‍य सुबह जल्‍दी तैयार हो जाते हैं और नए साल के स्‍वागत की तैयारियों में लग जाते हैं.

शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी के पूजन से मिलेगी निरोग काया...

क्‍या होता है इस दिन
पारसी मंदिर अगियारी में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं. इन प्रार्थनाओं में लोग पिछले साल उन्‍होंने जो कुछ भी पाया, उसके लिए ईश्‍वर के प्रति आभार व्‍यक्‍त करते हैं. मंदिर में प्रार्थना समाप्‍त होने के बाद समुदाय के लोग एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई देते हैं.

जानिए, क्यों पितरों की शांति के लिए किया जाता है श्राद्ध

कैसे मनाते है त्‍योहार
पारसी लोग अपने घर की सीढ़ियों पर रंगोली बनाते हैं. चंदन की लकड़ियों के टुकड़े घर में रखे जाते हैं जिससे उसकी सुगंध हर ओर फैले. वे मानते हैं कि ऐसा करने से हवा शुद्ध होती है. नवरोज के पूरे दिन, घर में मेहमानों के आने-जाने का सिलसिला चलता है. सभी एक-दूसरे को बधाईयां देते हैं.

Advertisement

माना जाता है कि आज से लगभग 3 हजार साल पहले नवरोज मनाने की परंपरा आरंभ हुई. पूर्व शाह जमशेदजी ने पारसी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की थी. नव का मतलब है नया और रोज यानि दिन.

Advertisement
Advertisement