मकर संक्रांति 14 जनवरी 2017 को मनाई जाएगी. सूर्य देव 14 जनवरी शनिवार को सुबह 7:38 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे. पुण्यकाल सूर्योदय से दोपहर 2 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.
सूर्य की पूजा
सूर्य देव के उत्तरायण होने पर पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन सूर्य भगवान की विशेष पूजा की जाती है. तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से मनाया जाता है.
सूर्य का स्थान परिवर्तन
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं उस समय मंकर संक्रांति मनाई जाती है.
तीर्थ स्थलों पर मकर संक्रांति की रौनक
दान का महत्व
मकर संक्रांति से शुभ दिन शुरू होते हैं. इस दिन दान, जप, तर्पण, श्राद्ध का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान हजार गुना पुण्य प्रदान करता है.
मकर संक्रांति में स्नान का महत्व
मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल में किसी तीर्थ स्थान या नदी में स्नान करना चाहिए. यदि तीर्थ स्थान पर ना जा सकें तो घर में तिल का उबटन लगाकर या जल में तिल मिला कर स्नान करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से रोग दूर होते हैं और स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
मकर संक्रांति में क्या करें दान
तिल के लड्डू, तिल से बनी मिठाई, फल, चावल-दाल, कच्ची खिचड़ी, घी, गर्म कपड़ों का दान सुपात्र ब्राह्मण ओर गरीबों को करें. मकर संक्रांति के दिन किया गया दान विशेष फलदायी माना जाता है.
मनोकामना पूर्ति के लिए
मकर संक्रांति के दिन स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य दें. जल में कुमकुम, चावल, तिल और लाल रंग के फूल मिला लें. अर्ध्य देते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: इस मंत्र का जाप करें. आपकी मनोकामना पूरी होगी.
पितरों की शांति के लिए
मकर संक्रांति के दिन पितरों की शांति के लिए जल में तिल मिलाकर तर्पण करें. उन्हें याद करें और तिल से बनी चीजों का दान करें. आपके पितरे प्रसन्न होंगे और आशीर्वाद प्रदान करेंगे.
मकर संक्रांति के महत्व के बारे में जानें ये 7 अनजानी बातें
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति एक अनमोल अवसर है हम सब के लिए अपने जीवन से संघर्ष, अस्थिरता, दुख को दूर कर सुख और समृद्धि प्राप्त करने का. इस पावन मौके पर अपनी सामर्थ के अनुसार दान करना चाहिए और सूर्य देव का पूजन अवश्य करना चाहिए.