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रविपुष्य नक्षत्र पर करें ये उपाय कभी नहीं होगी पैसे की कमी...

रवि पुष्य नक्षत्र दीपावली के पहले की जानी वाली खरीदारी का बहुत ही शुभ मुहूर्त माना होता है. इस बार यह मुहूर्त शनिवार 22 अक्टूबर शाम से शुरू होकर आज रात 8.40 बजे तक रहेगा...

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रवि पुष्प नक्षत्र 2016
रवि पुष्प नक्षत्र 2016

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कार्तिक अमावस्या से पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र दीवाली की खरीदारी के लिए बहुत शुभ माना जाता है. अगर यह नक्षत्र सोमवार, गुरुवार और रविवार को आता है, तो यह नक्षत्र योग महासंयोग बनाता है और यह प्रकार से शुभ फल देना वाला होता है.

क्यों है इस पूजा का महत्व?
कार्तिक पुष्य नक्षत्र के दिन अपने आराध्य देव और कुलदेवता का पूजन करना चाहिए. इस वर्ष पुष्य नक्षत्र दो दिन होने से इस समय में खरीदी की जा सकती है. इस दिन नए बही-खातों और लिखापठी की चीजों को शुभ मुहूर्त में खरीद कर उन्हें व्यापारिक प्रतिष्ठान में स्थापित करना चाहिए. इसके अलावा सोना-चांदी, बहुमूल्य रत्न, ज्वैलरी आदि भी खरीदना शुभ होता है.

रवि पुष्य नक्षत्र पर खरीदारी के मुहूर्त
सुबह 9 से 10.30 
सुबह 10. 31 से 12 बजे और शाम 7:30 से 9:01 तक 
दोपहर 1:30 से 3 बजे और 8 से 7:30 बजे तक 

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एकाक्षी नारियल का पूजन बनाएगा धनवान
रविपुष्य नक्षत्र पर एकाक्षी नारियल का पूजन करने से घर में धन और वैभव बना रहता है. इस नारियल में ऊपर की ओर एक आंख का के जैसे निशान होता है इसलिए इसे एकाक्षी नारियल कहा जाता है. इसे साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है.
रवि पुष्य के दिन यदि इसे विधि-विधान से घर में स्थापित कर लिया जाए तो उस व्यक्ति के घर में कभी पैसों की कमी नहीं रहती है. 

आइए जानें कैसे करें इसका पूजन और स्थापना...
- सबसे पहले नहाकर साफ कपड़े पहने. इसके बाद रविपुष्य नक्षत्र के दिन शुभ मुर्हूत में अपने सामने थाली में चंदन या कुंकुम से अष्ट दल बनाकर उस पर इस नारियल को रख दें और अगरबत्ती व दीपक लगा दें.
- अब नारियल को जल से शुद्ध करके फूल, चावल, फल और प्रसाद चढ़ाएं. नारियल को लाल रंग की चुन्नी भी चढ़ाएं.
- इसके बाद आधा मीटर रेशमी कपड़े को बिछाएं और उस पर केसर से यह मंत्र लिखें-
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मीं स्वरूपाय एकाक्षिनालिकेराय नम: सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।  
- इस रेशमी वस्त्र पर नारियल को रख दें और यह मंत्र पढ़ते हुए उस पर 108 गुलाब की पंखुडियां चढ़ाएं. हर पखुंड़ी चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करते रहें-  
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं एकाक्षिनालिकेराय नम:।
- इसके बाद गुलाब की पंखुडियां हटाकर उस रेशमी वस्त्र में नारियल को लपेटकर थाली में चावलों की ढेरी पर रख दें और इस मंत्र की 1 माला जपें-
ॐ  ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं एकाक्षाय श्रीफलाय भगवते विश्वरूपाय सर्वयोगेश्वराय त्रैलोक्यनाथाय सर्वकार्य प्रदाय नम:।
- अगले दिन से दीपावली तक रोज 21 गुलाब से पूजा करें और उस रेशमी वस्त्र में लिपटे हुए नारियल को पूजा स्थान पर रख दें. इस प्रकार एकाक्षी नारियल को स्थापित करने से घर में धन-वैभव बना रहता है.

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